
गाजा: पिछले एक साल से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के बाद गाजा पट्टी में लोग धीरे-धीरे अपने घरों को लौट रहे हैं, लेकिन यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। इजरायली हवाई और जमीनी हमलों तथा हमास की गुप्त सुरंगों को नष्ट करने के चक्कर में पूरी गाजा पट्टी तबाह हो चुकी है। हालात यह हैं कि इजरायली हमलों में करीब 1,000 मस्जिदें नष्ट हो गई हैं। पूरी गाजा पट्टी में इतना मलबा है कि उसे हटाने में करीब 50 साल लग सकते हैं।
इस बीच, गाजा की तबाही के बाद अब मुस्लिम देशों ने वहां की जनता की मदद के लिए कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया ने गाजा पट्टी में 100 मस्जिदें बनाने का ऐलान किया है।
इंडोनेशिया की मस्जिद काउंसिल ने यह फैसला किया है। इंडोनेशिया के पूर्व उपराष्ट्रपति मुहम्मद यूसुफ कल्ला ने कहा कि यह प्रोजेक्ट गाजा के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इजरायल ने डेढ़ साल में गाजा में 1,000 से ज्यादा मस्जिदें नष्ट कर दीं। इंडोनेशिया की मस्जिद मैनेजमेंट काउंसिल के प्रमुख ने कहा कि पहले चरण में 10 निम्न-स्थायी मस्जिदें बनाई जाएंगी, जिन्हें बाद में 100 तक बढ़ा दिया जाएगा।
इंडोनेशिया ने यह कदम रमजान के पवित्र महीने से ठीक पहले उठाया है। अगले महीने 28 फरवरी या 1 मार्च से रमजान शुरू होगा और 29 मार्च तक चलेगा। काउंसिल के प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इंडोनेशिया के मुसलमान गाजा में मस्जिदों के निर्माण में पूरी मदद करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि गाजा के अधिकारियों से इस मामले में बातचीत की गई है ताकि मस्जिदों के निर्माण का काम शुरू किया जा सके।
गाजा पट्टी में युद्धविराम 19 जनवरी से लागू हुआ है। यह युद्धविराम का पहला चरण है, जो 42 दिनों तक चलेगा। इस दौरान मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता में दूसरे और तीसरे चरण की बातचीत शुरू होगी। इस बीच, हमास तीन इजरायली और पांच थाई बंधकों को रिहा करेगा, जबकि इजरायल 110 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा।
गाजा की तबाही के बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद के प्रयास तेज हो गए हैं। इंडोनेशिया का यह कदम गाजा के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।