हिम्मत और मेहनत की मिसाल बनीं गोहलपुर की नशरह

जबलपुर के मोहम्मदी चौक, तलैया गोहलपुर निवासी नशरह अर्शी ने कक्षा दसवीं में 91.2% मार्क्स हासिल कर अपनी शाला और मां बाप का मान सम्मान बढ़ाया है। नशरह ने सभी विषय में डिक्टेंशन मार्क्स हासिल किए है। कुल मार्क्स 500 में से उसे 456 अंक मिले हैं।
नशरह अर्शी ने इसी साल हज का मुकद्दस सफर कर हज्जिन का खिताब हासिल किया है।
नशरह के दादा मरहूम खुर्शीद अहमद लाला साहब थे। हज्जिन के अब्बुजान जनाब सरफराज अहमद साहब का 3 साल पहले ही अचानक इंतकाल हो गया था। वो मध्य प्रदेश विद्युत मंडल, रामपुर जबलपुर में मुलाजिम थे। उसके बाद भी उसने पढ़ाई से मुंह नहीं मोड़ा।
इसी साल जब वह हज पर गई थी, तभी उसने अपने नाना जान मरहूम शमसुद्दीन अंसारी बाबू साहब को भी खो दिया था। इतना ही नहीं नाना के इंतकाल के कुछ दिन बाद ही उसकी दादी ने भी फानी दुनिया से अलविदा कह दिया था। इतना मुख्तलिफ हालात होने के बावजूद हज्जिन नशरह अर्शी ने पढ़ाई पर फोकस जारी रखा और तमाम परेशानियों के बावजूद अच्छे नंबरों से पास होकर रैंक हासिल की।
जबलपुर के शहरकाजी जनाब रियाज मौलाना और डाक्टर इरशाद अंसारी साहब की वह भतीजी है। वहीं भोपाल में सीनियर जर्नलिस्ट व मध्य प्रदेश शासन से राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार अकील अंसारी की भांजी है।

नशरह ने मैथ्स विषय में सर्वाधिक 96 अंक और हिंदी में 95 अंक हासिल किए हैं। नशरह अर्शी पहली कक्षा से ही टॉपर रही है। अपने स्कूल में भी वह हर क्लास में टॉपर रही है। स्कूली पढ़ाई के साथ ही हज्जिन दीन के मामले भी बेहद संजीदा है।
