Jabalpur

इंसाफ के सिपाही बनेंगे मकबूल अहमद साहब के बेटे असदाक

“हमारे संविधान ने हर नागरिक को अधिकार दिये हैं। लेकिन फिर भी सैंकड़ों बेगुनाह जेलों में बंद हैं। लाखों को इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। मेरी ख्वाहिश है कि मैं हैदराबाद नेशनल लॉ यूनिवसिर्टी से वकालत की पढ़ाई करूं। वकील बनकर बेगुनाहों को इंसाफ दिलाने के लड़ूं..।”

नई बस्ती लंगर कमेटी के पास रहने वाले जनाब मकबूल अहमद साहब और मुश्तरी बेगम के बेटे असदाक अंसारी अंजुमन इस्लामिया गोहलपुर के छात्र हैं। मां बाप बच्चों को काबिल बनाने के लिये मेहनत कर रहे हैं। मां बाप की मेहनत असदाक के रिजल्ट में भी नजर आती है। घर वालों को उम्मीद है कि उनका बेटा शहर और समाज में उनका नाम रौशन करेगा।

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हर सब्जेक्ट में महारत….

असदाक ने दसवीं क्लास में 500 में से 404 नम्बर हासिल किये हैं। उन्हें मैथ्य में 82, हिन्दी में 86, इंग्लिश में 70, उर्दू में 85 साइंस में 68 और सोशल साईंस में 81 नम्बर मिले हैं।


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