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JabalpurMadhya Pradesh

खिराज ऐ अकीदत: जबलपुर वालों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे शेर ऐ भोपाल

आरिफ अकील भोपाल उत्तर से 6 बार के विधायक और दो बार मध्यप्रदेश सरकार मे मंत्री रहे लेकिन उनकी लोकप्रियता का दायरा भोपाल तक सीमित न रह कर पूरे सूबे मे था प्रदेश के हर जिले का अल्पसंख्यक समुदाय आपको अपने नेता के तौर पर देखता था।

अल्पसख्यक समुदाय से जुडे प्रत्येक मामले पर आप मुखर होकर अपनी आवाज रखते यही वजह थी की आरिफ साहब सूबे के सबसे मजबूत अल्पसंख्यक नेता के तौर पर जाने जाते रहे। मुस्लिम समाज मे उनका कद इतना बड़ा हुआ की हर विचारधारा हर संगठन से जुड़े अल्पसंख्यक ने दलीय राजनीति से ऊपर उठ कर आपको अपनी आवाज और समाज का नेता माना।

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प्रदेश मे अल्पसंख्यक मंत्री बनने के बाद आपने मुस्लिम समाज की सामाजिक व शैक्षणिक विकास पर अधिक बल दिया।

आरिफ अकील साहब का खासा जुडाव जबलपुर के मुस्लिम समाज के साथ रहा।

भोपाल की ही तरह जबलपुर मे भी अल्पसख्यक समुदाय की बडी आबादी थी लेकिन विधानसभा समेत प्रदेश स्तर पर इनकी आवाज उठाने वाली लीडरशीप मौजूद नही थी यही कारण था की आरिफ अकील साहब का खासा जुडाव जबलपुर और यहा के अल्पसंख्यक समाज के साथ रहा।

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आपने प्रदेश मे अल्पसंख्यक मंत्री रहते जबलपुर के मुस्लिम समाज से जुडी बहुत सी समस्याओ को सुलझाने का काम किया खासकर आपने जबलपुर की वक्फ संपत्ति को लेकर कार्य किए।

आपके कार्यकाल मे वक्फ संपत्तियो का तीव्र विकास हुआ। चाहे वक्फ संपत्तियो को कब्जे से मुक्त कराने का मामला रहा हो या संपत्तियो के गलत इस्तेमाल का मामला आपने हर एक मामले पर इसांफ करते हुए समाज को उसका हक दिलाने की कोशिश की यही वजह थी की जबलपुर के मुस्लिम नेता व आवाम भी आपको अपने नेता के तौर पर देखते और हमेशा आपको अपना मागदर्शक मानते थे।

सियासत मे आई युवा पीढी ने भी आपसे बहुत कुछ सीखा और आपको ही अपना आर्दश माना। आज जबलपुर का मुस्लिम समाज भी आपके निधन पर उतना ही गमगीन है जितना की भोपाल आपको खो कर गमगीन है। आरिफ अकील सरीखे के नेता मुस्लिम समाज को सदियो मे कभा मिलते है।

आज की तारीख मे शायद ही अब कभी आपसा सियासी रहनुमा समाज को फिर कभी मिल पाए आपके निधन पर हर वर्ग हर तबके हर विचारधारा के लोगो ने गम का इजहार किया इसी क्रम मे जबलपुर के भी अल्पसख्यंक नेताओ व समाज के वरिष्ठ नागरिको ने आपको नम आखो से विदाई देते हुए खिराजे अकीदत पेश की।

Saif Mansoori

सैफ मंसूरी जबलपुर के युवा पत्रकार हैं। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पत्रकारिता में शोधकर्ता हैं। वर्तमान में बाज़ मीडिया में डेस्क रिपोर्टर के रूप में कार्यरत हैं। राष्ट्रीय राजनीति में विशेष रुचि है।
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