जबलपुर में गाए बैल मवेशियों को सड़कों पर खुला छोड़ना हुआ प्रतिबंधित
जिला दंडाधिकारी ने जारी किया आदेश

जबलपुर। शहर के अंदर और बाहर आवारा पशुओं का आतंक जानलेवा बन चुका है. दिन के 24 घंटे और साल के 365 दिन आवारा पशु सडकों पर बैठे रहते हैं. जिससे पूरे जिले में गंभीर हादसे हो रहे हैं. जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सड़कों पर गौवंश और पशुओं के विचरण से हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुये भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के सभी व्यस्त सड़क मार्गों पर गौवंश और पशुओं को खुला छोड़ने पर रोक लगा दी है ।

प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अथवा पशुपालक अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक सार्वजनिक सड़क या स्थान पर खुला छोड़ता है, तो उसके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से पूरे जिले में लागू हो गया है तथा इसका उल्लंघन करने की स्थिति में सबंधित व्यक्ति, पशुपालक या संस्था के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, पशु क्रूरता अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम 1956 के अंतर्गत दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है ।
नगर निगम की जिम्मेदारी
गौवंश के सड़कों में विचरण पर रोक लगाने की कार्यवाही करने की जिम्मेदारी भी संबंधित नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को दी गई है। इसके लिये आवश्यकतानुसार अस्थाई तौर पर वालेंटियर्स की सेवाएं भी स्थानीय निकाय ले सकेंगे । साथ ही नगर निगम, नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों को सड़क दुर्घटना में मृत पशुओं का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश भी दिये गये हैं ।
कंट्रोल रूम में दें जानकारी
आदेश में कहा गया है कि सडकों पर दुर्घटना में मृत पशुओं और गौवंश की सूचना जिला कंट्रोल रूम, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आपातकालीन नंबर 1033 एवं चलित पशु चिकित्सा एंबुलेंस के टोल फ्री नंबर 1962 पर सूचना दी जा सकेगी और घायल पशु का उपचार भी कराया जा सकेगा।