JabalpurMadhya Pradesh

उलेमाए किराम की कोशिशों से ‘जबलपुर में कायम रहा अमन और भाईचारा’, मोहब्बत के साथ मनाए गये दो बड़े त्योहार

मध्य प्रदेश सहित पूरे हिंदुस्तान में बीते कुछ महिनों में जिस तरीके की घटनाएं हुई है। क्रमवार तरीके से मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में माहौल बिगड़ने के नापाक प्रयास हुए हैं। छतरपुर में जिस तरीके से एक उग्र भीड़ ने पुलिस के ऊपर पथराव किया। जबलपुर में धार्मिक जुलूस में समुदाय विशेष को गालियां देकर उकसाने का नाकाम प्रयास किया गया।

इन सभी घटनाओं से हर शहरवासी चिंतित था, सबके दिल में डर था कि इस बार ईद मिलादुन्नबी और गणेश उत्सव दो बड़े त्यौहार जबलपुर में एक साथ आए हैं। असामाजिक तत्व माहौल बिगड़ने का पूरा प्रयास करेंगे।

पूरे मध्य प्रदेश निगाहें इस बार जबलपुर पर टिकी हुई थी। लेकिन जिस शांति उत्साह और भाईचारे के साथ ईद मिलादुन्नबी और गणेश उत्सव एक साथ मनाए गये। उसने पूरे प्रदेश को पैगाम दिया कि जबलपुर में किसी भी धर्म के साम्प्रदायिक उन्मादियों के लिये कोई जगह नहीं है. जबलपुर अमन सलामती का गहवारा है और रहेगा ………

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उलमाए किराम ने की मेहनत

ईद मीलादुन्नबी की तैयारियों को लेकर होती जबलपुर के उलेमाए किराम की बैठक, जिसमें जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.

मुफ्ती ए आजम मौलाना मुशाहिद रजा कादरी, हजरत मौलाना कौसर रब्बानी, मौलाना इम्तियाजुल कादरी, मौलवी रियाज आलम मिस्बाही, मौलाना चांद कादरी, मौलाना नईम अख्तर मिसबाही की कयादत में जबलपुर जिले के उलेमाए किराम ने फिजा बनाए रखने और दोनों तरफ की साम्प्रदायिक मानसिकता को नाकाम करने में नुमाया किरदार अदा किया. उलेमाए किराम 1 रबी उल अव्वल से ही अमन सलामती भाईचारे की फिजा बनाए रखने के लिए मेहनत कर रहे थे।

शांति समिति की बैठक

मुफ्ती आजम मौलाना मुशाहिद रजा कादरी की रहनुमाई में प्रशासन के साथ बैठकर रूट गाइडलाइन समय आदि सर्वसम्मति से तय किया गया। इसके बाद हर मस्जिद से तय गाईडलाईन का ऐलान किया गया।

ईदमीलादुन्नबी के पहले जुमे की नमाज में कमोबेश सभी मस्जिदों से ईद मीलदुन्नबी के जुलूस के समय और दीगर हिदायत का ऐलान हुआ. पूरे मुस्लिम समाज ने अपनी जिम्मेदारी मानकर उन गाइडलाइंस पर अमल किया और प्रशासन का हर संभव सहयोग किया। जिसका नतीजा था कि संप्रदायिक ताकतों के नापाक मंसूबे धरे रह गए। शहर की आमने सलामती भाईचारे की फिजा पर आंच नहीं आई।

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ईद मीलादुन्नबी का जुलूस जुहर की नमाज के बाद निकलता है. जोहर की नमाज आमतौर से दोपहर 2 बजे होती है. लेकिन ईद मीलादुन्नबी के दिन शहर की सभी मस्जिदों में 1 बजे जोहर की नमाज हुई. जिसके फौरन बाद जुलूस शुरु कर दिया गया. जिसकी वजह से ईद मीलादुन्नबी का जुलूस 4.00 बजे तक अंजुमन मढाताल पहुंच गया और 5 बजे के पहले सम्पन्न हो गया.

समय से पहले अंजुमन मढाताला पहुंचा जुलूस

समितियां ने कार्यक्रम में किये बदलाव

जबलपुर शहर की श्री गणेश समितियों ने भी शांति सद्भाव बनाए रखने प्रशासन का सहयोग किया. गणेशोत्सव समितियों ने सोमवार को होने वाले सभी आयोजन शाम 5 बजे के बाद शुरु किये. भंडारे और आरती से लेकर विसर्जन जुलूस तक काफी विलम्ब से आयोजित किये गये. जिससे कहीं भी भीड़ भाड़ एकत्रित नहीं हुई.

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