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Jabalpur

क्या अब भी नहीं खुलेगा ‘बहोराबाग चौराहा’? जानिए SDPI की चेतावनी और लोगों की बढ़ती चिंता!

जबलपुर: सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महीनों से बंद पड़े बहोराबाग चौराहे को फिर से खोलने की मांग को लेकर आज पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा। पार्टी नेताओं ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चौराहा बंद होने के कारण न केवल यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि व्यापार और रोजगार भी प्रभावित हो रहे हैं।

ज्ञापन में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष इरफानुल हक, जिला अध्यक्ष मोहम्मद मुजाहिद, फुरकान अंसारी, नियाज अहमद, रफीक अहमद, दिलशाद बाबा, शहाबुद्दीन, महमूद अहमद, मोहम्मद अजहर, लियाकत अंसारी और मुजाहिद अंसारी सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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महीनों से बंद है चौराहा, प्रभावित हो रहे हजारों लोग

ज्ञापन में पार्टी नेताओं ने कहा कि बहोराबाग चौराहा को महीनों पहले अस्थायी रूप से बंद किया गया था, लेकिन अब तक बैरीकेड्स हटाए नहीं गए हैं। इस चौराहे का बंद होना करीब 80,000 लोगों के लिए रोज़मर्रा की जिंदगी में भारी समस्या बन चुका है।

प्रदेश उपाध्यक्ष इरफानुल हक ने कहा, “बहोराबाग चौराहा जब से बंद हुआ है, वहां की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। व्यापारियों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है और आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। चौराहे के बंद होने से लोग मुश्किलों में हैं, और किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना हो सकती है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस स्थिति को नजरअंदाज किया है और अब तक स्टॉपर हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

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चौराहे को व्यवस्थित करने की मांग

जिला अध्यक्ष मोहम्मद मुजाहिद ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए कहा, “चौराहा बंद करना किसी समस्या का समाधान नहीं है। इसका केवल व्यवस्थित करने की जरूरत है। इस चौराहे की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन को प्लानिंग के साथ काम करना चाहिए।”

उनका कहना था कि जब तक चौराहे की व्यवस्थित योजना नहीं बनाई जाती, तब तक इसका बंद रहना समस्याओं को बढ़ाएगा। उन्होंने मांग की कि तत्काल प्रभाव से बैरीकेड्स हटाए जाएं ताकि यातायात व्यवस्था सामान्य हो सके और व्यापारियों को राहत मिले।

आक्रोश बढ़ता जा रहा है, हो सकती है अप्रिय घटना

फुरकान अंसारी ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्दी इस समस्या को हल नहीं किया, तो स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ सकता है, और अप्रिय घटनाएं घटित हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “चौराहा महीनों से बंद है, जिससे आसपास के इलाके में रहने वाले लोग परेशान हैं। इस समस्या के समाधान में देरी से लोग और अधिक उग्र हो सकते हैं। प्रशासन को इस दिशा में तुरंत कदम उठाने चाहिए।”

स्थानीय लोगों की परेशानी और दुर्घटनाओं की संभावना

स्थानीय लोग भी इस चौराहे के बंद होने से परेशान हैं। क्षेत्र के निवासी और व्यापारी लंबे समय से इसकी बहाली की मांग कर रहे हैं। इस चौराहे के बंद होने से न केवल यातायात में दिक्कतें आ रही हैं, बल्कि वहां के व्यापारिक गतिविधियों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। लोग यू-टर्न के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिसके कारण अक्सर छोटे-बड़े सड़क हादसे हो रहे हैं।


सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेताओं द्वारा पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपने के बाद अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक ठोस कदम उठाता है। पार्टी के पदाधिकारियों और क्षेत्रीय लोगों की मांग है कि बहोराबाग चौराहे को जल्द खोल दिया जाए, ताकि वहां की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके और लोगों को राहत मिल सके।

अगर प्रशासन इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं करता, तो इसका नकारात्मक प्रभाव स्थानीय निवासियों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर और भी बढ़ सकता है।

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