डेरी साइंस कॉलेज मामला: युवा कांग्रेस का आरोप, ‘जबलपुर के हक़ पर डाका डालने की तैयारी कर रही भाजपा सरकार’
डेरी साइंस कॉलेज, को जबलपुर से उज्जैन शिफ्ट करने के भाजपा सरकार के प्रयासों को लेकर युवा कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। संगठन के पदाधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई है और भाजपा के स्थानीय विधायक अशोक ईश्वरदास रोहाणी से ज्ञापन देकर इस विषय पर मुख्यमंत्री से बातचीत करने की मांग की है।
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रिजवान अली कोटी के नेतृत्व में जबलपुर कैंट के विधायक अशोक ईश्वरदास रोहाणी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा गया कि जबलपुर के डेरी साइंस कॉलेज को उज्जैन शिफ्ट करना न केवल जबलपुर के विकास के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि यह परियोजना के साथ भी बड़ा अन्याय होगा।
रिजवान अली कोटी ने, “यह कॉलेज जबलपुर के डेरी उद्योगों के लिए बहुत अहम है। 2019 में कांग्रेस सरकार के दौरान, तत्कालीन वित्त मंत्री श्री तरुण भनोट के प्रस्ताव पर डेरी साइंस कॉलेज की स्थापना की योजना बनाई गई थी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का प्रावधान भी किया गया था। इस कॉलेज की स्थापना से जहां स्थानीय छात्रों को फायदा होता, वहीं इसे डेरी उद्योग और वेटनरी विश्वविद्यालय के अनुसंधान के क्षेत्र में भी बड़ी मदद मिलती। अब यदि इसे उज्जैन शिफ्ट कर दिया जाता है, तो इसका सीधा नुकसान जबलपुर के किसानों, डेरी उत्पादकों और छात्रों को होगा।”
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसका व्यापक असर
डेरी साइंस कॉलेज की स्थापना से न सिर्फ कृषि और वेटनरी विश्वविद्यालय के छात्रों को लाभ मिलता, बल्कि जबलपुर के डेरी उद्योग को भी एक नई दिशा मिलती। इस कॉलेज से जुड़े अनुसंधान और शिक्षा ने पहले ही स्थानीय दूध उत्पादकों को कई तरह की तकनीकी मदद दी है, जिससे उनका उत्पादन बढ़ा है और उनके व्यवसाय को विस्तार मिला है। ऐसे में यदि इसे उज्जैन शिफ्ट कर दिया गया, तो यह न केवल क्षेत्रीय असंतुलन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय डेरी उद्योग को भी नुकसान पहुंचाएगा।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर सवाल
युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने इस दौरान जबलपुर के भाजपा सांसदों और विधायकों की उदासीनता पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि यदि जबलपुर के प्रतिनिधि इस कॉलेज को उज्जैन शिफ्ट करने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाते, तो यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।
ज्ञापन के बाद, श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया है। विधायक रोहाणी ने कहा कि वे इस विषय पर मुख्यमंत्री से मिलकर स्थिति स्पष्ट करेंगे और देखेंगे कि कैसे इस कॉलेज की शिफ्टिंग को रोका जा सकता है।
ज्ञापन के दौरान युवा कांग्रेस के कई अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद थे, जिनमें बादल पंजवानी, आसिफ कुरैशी, जफर खान, एजाज अंसारी, सिकंदर खान, शफी खान और शादाब अली शामिल थे। इन नेताओं ने जोर देकर कहा कि यदि इस परियोजना को उज्जैन शिफ्ट किया गया, तो वे इसका विरोध जारी रखेंगे और इस मुद्दे को जन जागरूकता के स्तर पर भी उठाएंगे।
युवा कांग्रेस का कहना है कि अगर इस मुद्दे पर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो जबलपुर के लोग इस परियोजना से हाथ धो सकते हैं, जो उनके लिए नुकसानदायक होगा। अब देखना यह है कि भाजपा सरकार और स्थानीय विधायक इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।