(जबलपुर) पुलिस शहीद स्मृति दिवस: आईजी अनिल कुशवाहा ने कहा, “हमारे शहीद पुलिस कर्मियों की बदौलत ही आज समाज सुरक्षित और स्वतंत्र वातावरण में सांस ले रहा है”
जबलपुर: पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर सोमवार सुबह 6 वीं प्रशिक्षण वाहिनी में मध्यप्रदेश पुलिस के जवानों ने अपने शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) जबलपुर जोन, अनिल कुशवाहा ने शहीदों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करते हुए उनकी याद में पुष्पचक्र अर्पित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “हमारे शहीद पुलिस कर्मियों की बदौलत ही आज समाज सुरक्षित और स्वतंत्र वातावरण में सांस ले रहा है।”
आईजी अनिल कुशवाहा ने इस अवसर पर पुलिस बल की वर्दी पहनकर देशभक्ति और जन सेवा की भावना से किए गए उनके योगदान को भी सराहा। उन्होंने कहा कि हमारे जवान न केवल अपराधियों से लड़ते हैं, बल्कि अपनी जान की बाजी लगाकर राष्ट्र की सुरक्षा में अपना सर्वोत्तम योगदान देते हैं।
कार्यक्रम में एक शोक परेड का आयोजन भी किया गया, जिसमें विशेष सशस्त्र बल, मध्यप्रदेश रेलवे पुलिस बल, जिला पुलिस बल और होमगार्ड के एक-एक प्लाटून ने भाग लिया। इस परेड में डीआईजी अतुल सिंह, डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी, कमांडेंट सिद्धार्थ चौधरी, एसपी आदित्य प्रताप सिंह, डिप्टी कमांडेंट अभिषेक राजन और अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे।
शहीद पुलिसकर्मियों की याद में कार्यक्रम आयोजित
1 सितम्बर 2023 से 31 अगस्त 2024 तक, मध्यप्रदेश पुलिस के 23 अधिकारी और कर्मचारी अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। इस दौरान पूरे देश में 216 पुलिसकर्मी शहीद हुए, जिनके नाम आज के इस कार्यक्रम में सम्मानपूर्वक पढ़े गए। शहीदों के परिजनों को इस अवसर पर शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
प्रदेश के 23 पुलिसकर्मी हुये शहीद
इस वर्ष 1 सितम्बर 2023 से 31 अगस्त 2024 तक शहीद हुए मध्यप्रदेश पुलिस के 23 जवानों में उपनिरीक्षक रमेश भास्करे, विमल तिवारी, रामलाल आजाद, सउनि राजेन्द्र सिंह खीची, महेन्द्र बागरी, गोविन्द सिंह चौहान, कैलाश चन्द्र शर्मा, नरेश कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, महाराज सिंह, संजय पाण्डेय, शिवपाल कोल, श्रवण कुमार राय, राकेश कुमार ठाकुर, क्रांति कुमार मिश्रा, मनोज कुमरावत, पुरन लाल इरपाचे, पंकज कुमार भलावी, उदय सेंगर, ताम सिंह मरावी, चन्द्रभान सिंह, उपेन्द्र रावत और अजय वास्केल शामिल हैं। इन सभी शहीदों ने देश की सेवा और सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है, और उनका साहस एवं कर्तव्यपरायणता हमेशा याद किया जाएगा।
कार्यक्रम के समापन पर शहीदों की आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखा गया और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शहीदों के अदम्य साहस को सलाम
मुख्य अतिथि आईजी अनिल कुशवाहा ने शहीद जवानों के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया कि हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस शहीदी दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत 1959 में हुई थी, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सैनिकों द्वारा पुलिस चौकी पर हमले में कई पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। तब से हर साल इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाने की परंपरा कायम है।
आईजी कुशवाहा ने शहीद पुलिसकर्मियों की वीरता और बलिदान को याद करते हुए कहा, “हमारे जवानों ने अपनी जान देकर न केवल अपने परिवार को गर्व महसूस कराया, बल्कि पूरे राष्ट्र को सुरक्षा और शांति का अहसास कराया है। उनकी शहादत हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।”