
मैने जब बचपन में सीरत का मुताला किया था, तब पढ़ता था “पैगम्बरे इस्लाम ﷺ और उनके सहाबा पैदल सफर किया करते थे। तब से मैने इरादा किया था कि मैं एक अपने घर से मदीने शरीफ तक पैदल जाऊंगा। फिर मक्का जाऊंगा उमराह अदा करूंगा।”
यह कहना है फ़्रांस के नागरिक मोहम्मद बोलाबियार का जो उमरा करने का इरादा लेकर पैदल ही पेरिस से निकल पड़े और 8000 किलोमीटर पैदल चलकर मदीना पहुंचे। जहां से मक्का पहुंचे और उमराह अदा किया।
मोहम्मद बोलाबियार ने सऊदी मीडिया को बताया, ‘मुझे सड़क पर कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती मौसम थी।’

उन्होंने कहा कि मैं गर्मियों में फ़्रांस से निकला था, फिर रास्ते में मैंने पतझड़ और सर्दी देखी, इतना ही नहीं, मुझे बर्फीले तूफानों का भी सामना करना पड़ा। मोहम्मद बोलाबियार ने बताया कि ग्रीस सीमा पर बर्फीले तूफान ने मेरा सफर एक हफ्ते के लिये रोक दिया।
उन्होंने कहा, मैंने लगभग 40 डिग्री तापमान में यात्रा की, लेकिन शुक्र है कि सफर जारी रहा और मैं मदीना पहुंचकर बहुत खुश हूं।’
मोहम्मद बोलाबियार ने खलीजी देशों की तारीफ की और कहा कि लोगों ने मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया और मुझे खाना-पीना दिया.
उन्होंने कहा, ‘मैंने दो साल पहले इस यात्रा के लिए खुद को जिस्मानी और मानसिक रूप से तैयार करना शुरू कर दिया था और पिछले साल २७ अगस्त को एफिल टॉवर से अपनी यात्रा शुरू की। इसके बाद स्विट्जरलैंड, इटली, स्लोवेनिया, क्रोएशिया, बोस्निया होते हुए मोंटेनेग्रो अल्बानिया, मैसेडोनिया, ग्रीस, तुर्की और जॉर्डन के रास्ते सऊदी अरब पहुंचा।’,
मोहम्मद बोलाबियार ने कहा कि इस सफर के दौरान मैं एक तंबू में सोता था और कभी-कभी मस्जिदों में रातें बिताता था।
उन्होंने आगे कहा कि नबी करीम ﷺ और उनके सहाबा की तरह पैदल मक्का की यात्रा करना मेरा बचपन का सपना था।