जबलपुर, 10 नवंबर 2024 – बरगी विधानसभा क्षेत्र के रमनपुर और सिलुआ ग्राम पंचायतों में बड़ादेव सिंचाई परियोजना के तहत बनाए जा रहे बांध के खिलाफ आज कांग्रेस नेताओं और आदिवासियों ने नेशनल हाईवे क्रमांक 7 पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान विरोधकर्ताओं ने एक मानव श्रृंखला बनाकर अपनी आपत्ति जताई और बांध के निर्माण के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया।
प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक संजय यादव ने आरोप लगाया कि इस परियोजना के तहत बनने वाले बांध से बड़ी संख्या में आदिवासी परिवारों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि बांध बनने से न केवल आदिवासियों का घरों और भूमि पर कब्जा होगा, बल्कि उनके रोजगार और आजीविका पर भी गंभीर संकट उत्पन्न होगा। यादव ने सरकार से अपील की कि इन परिवारों के विस्थापन और पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
आदिवासियों का आरोप: ग्रामीणों ने विरोध करते हुए कहा कि बांध के बनने से उनकी भूमि और आवास डूब क्षेत्र में आ जाएंगे, जिससे उनका जीवन पूरी तरह प्रभावित होगा। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि वर्तमान में वे पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, लेकिन विस्थापन के बाद उनके पुनर्वास की कोई स्पष्ट योजना नहीं है।
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की अपील: पूर्व विधायक संजय यादव ने इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नर्मदा घाटी विकास मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है, और उन्हें इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आदिवासियों को बेघर होने से बचाया जा सके।
भ्रष्टाचार के आरोप: शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने परियोजना में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उनका कहना था कि इस परियोजना में कुछ लोगों ने अपने निजी लाभ के लिए इसे मनमाने तरीके से लागू किया है, जिससे आदिवासियों की हालत और भी खराब हो सकती है।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता और सदस्य: इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व विधायक संजय यादव, कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष नीलेश जैन, शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सौरभ शर्मा सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों के समर्थन में लगातार आवाज उठाते रहे और अधिकारियों से तत्काल समाधान की मांग की।
अधिकारियों को विरोध का सामना: प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने पहुंचे अधिकारी इस विरोध के कारण कोई ठोस हल नहीं निकाल पाए और उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, उनका विरोध जारी रहेगा।
इस बीच, बड़ादेव सिंचाई परियोजना के तहत बांध निर्माण के मुद्दे पर ग्रामीणों और सरकार के बीच बातचीत की संभावना को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहे हैं। फिलहाल यह मामला राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का केंद्र बन चुका है, और अब देखना यह है कि इस पर सरकार की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है।