खतरे में कालोनी में रहने वाले बुजुर्ग : जबलपुर में रिटायर्ड सिविल सर्जन को हथियारबंद बदमाशों ने बंधक बनाया
जबलपुर जिले के कचनार सिटी विजय नगर क्षेत्र में तड़के हथियारबंद बदमाशों ने रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉ. महेन्द्र खरे को बंधक बना लिया और उनके घर की तलाशी ली। जब घर से कुछ भी नहीं मिला, तो बदमाशों ने डॉ. खरे के साथ मारपीट की और 20 लाख रुपये की मांग करते हुए फरार हो गए। घटना के बाद डॉक्टर ने पड़ोसियों की मदद से खुद को बंधनमुक्त किया और थाना विजय नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, डॉ. महेन्द्र खरे स्वास्थ्य विभाग में सिविल सर्जन के पद से रिटायर होने के बाद कचनार सिटी विजय नगर में अकेले रहते हैं। उनका एक बेटा रायपुर में स्टील कंपनी में अधिकारी है, जबकि बेटी दिल्ली में एक कंपनी में एचआर के पद पर कार्यरत है। डॉ. खरे लगभग अकेले ही रहते हैं और घटना के दिन भी वह रात में घर में सो रहे थे।
तड़के करीब 3 बजे तीन नकाबपोश बदमाश उनके घर में घुस गए। डॉ. खरे ने आहट पाकर आंखें खोलीं, तो देखा कि बदमाश पिस्टल और बका (चाकू जैसे हथियार) लेकर उनके पास खड़े थे। बदमाशों ने उन्हें बिस्तर पर बिठाकर धमकी दी और आलमारी तथा लॉकर की चाबी मांगी। बदमाशों ने चाबी लेकर लॉकर खोला, लेकिन वहां भी कोई कीमती सामान नहीं मिला। इसके बाद बदमाशों ने पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन फिर भी कोई पैसा नहीं मिला।
20 लाख रुपये की धमकी और मारपीट
जब बदमाशों को रुपये नहीं मिले, तो उन्होंने डॉ. खरे को धमकाते हुए कहा, “20 लाख रुपये कहां रखे हैं?” रुपये की मांग न पूरी होने पर बदमाशों ने डॉ. खरे के साथ मारपीट शुरू कर दी और फिर धमकी देते हुए घर से फरार हो गए।
बदमाशों के भागने के बाद डॉ. महेन्द्र खरे किसी तरह खुद को बंधनमुक्त करने में सफल रहे और पड़ोसियों को बुलाकर मदद मांगी। इसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी थाना विजय नगर में दी और रिपोर्ट दर्ज कराई।
साइबर फ्रॉड का संदिग्ध कनेक्शन
पुलिस ने बताया कि डॉ. खरे के साथ अप्रैल 2024 में एक साइबर फ्रॉड हुआ था, जिसमें उन्हें लगभग 34 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। पुलिस जांच में यह सामने आया कि इस धोखाधड़ी के पीछे राजस्थान, उड़ीसा और मध्यप्रदेश के सतना जिले के कुछ लोग शामिल थे। स्टेट साइबर सेल ने इस मामले में करीब डेढ़ लाख रुपये की रिकवरी की थी और कुछ बैंक कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की थी। डॉ. महेन्द्र खरे को शक है कि शायद वही लोग, जिन्होंने उनके साथ धोखाधड़ी की, अब उन्हें मारने के लिए सुपारी देकर बदमाशों को भेज सकते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच तेज कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इलाके में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से बदमाशों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही, डॉ. खरे के पुराने साइबर फ्रॉड मामले को ध्यान में रखते हुए, पुलिस उन संदिग्ध व्यक्तियों से भी पूछताछ कर रही है, जिनके नाम पहले इस मामले में सामने आए थे।
पुलिस ने जल्द ही इस मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया है और बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
यह घटना कचनार सिटी विजय नगर क्षेत्र में डर और चिंता का कारण बन गई है। इलाके के लोग सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, और पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच तेज कर दी है। रिटायर्ड अधिकारी के साथ हुई यह घटना न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक चेतावनी है कि बदमाश अब किसी भी वक्त, किसी भी रूप में वारदात कर सकते हैं। पुलिस अब पूरी जांच के साथ अपराधियों को पकड़ने के प्रयासों में जुटी हुई है।