
जबलपुर और मध्य प्रदेश के मुसलमानों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए काम करने वाली मध्य प्रदेश मुस्लिम विकास परिषद की एक अहम बैठक जबलपुर के चार खम्बा बारात घर में आयोजित की गई। इस बैठक में जबलपुर, सागर, रीवा, शहडोल संभागों सहित प्रदेश के 23 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में खासतौर पर मौजूदा राजनीतिक हालात में समाज को दरपेश चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की गई। इसके साथ ही समाज की तालीमी स्थिति, आर्थिक तरक्की आदि अहम मुद्दों पर भी बातचीत की गई।
बैठक में संगठन को मजबूत करने और समाज की समस्याओं को शासन-प्रशासन तक सही तरीके से पहुंचाने के लिए नीति और रणनीति बनाई गई। कार्यक्रम दो चरणों में हुआ। पहले चरण में विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे। लंच ब्रेक के बाद दूसरे चरण में संगठन के विस्तार पर चर्चा की गई। इसके बाद अतिथियों और वरिष्ठ नेताओं का सम्मान किया गया, और दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद माहिर खान ने की, जबकि कार्यक्रम की सरपरस्ती हाजी गुलाम मोहम्मद भूरे पहलवान ने की। वहीं जनाब प्यारे साहब, ताहिर खोकर, हाजी मुईन खान, गुड्डू नबी उस्मानी, डॉ. मुईन अंसारी, नदीम खान, अब्दुल बाकी खान, मुख्तार अंसारी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन हाजी शेख़ निज़ामी ने किया और आभार गुड्डू मामूर हनफी, अशरफ़ ख़ान शिराजी और हाशिम राजा द्वारा किया गया।
इन के साथ ही प्रदेश अलग अलग जिलों से आए प्रतिनिधि जिनमें मो. इरफान सहित सिवनी से शोएब राजा, इस्माइल खान, हाजी शाहिद खान छिंदवाड़ा, बाबु निसार पांढुरना, एजाज़ राईन, सागर, फैसल खान मंडला, एडवोकेट रफीक मनिहार रीवा, कुद्दूस खान सिंगरौली, यूसुफ सिद्दीकी सीधी, महमूद पहलवान नरसिंहपुर, भी बैठक में शामिल हुये ।
हमारी 80 प्रतिशत ताकत और पूंजी शादी में खर्च हो रही है: अशरफ
जबलपुर जिला अध्यक्ष ताहिर खोकर ने कहा कि समाज की 80 प्रतिशत ताकत और पूंजी, जो तालीम और कारोबार में खर्च होनी चाहिए, वह शादी-ब्याह में खत्म हो रही है। उन्होंने कहा कि शादी की बेजा रस्में और फिजूल खर्ची समाज की तरक्की में बड़ी रुकावट हैं। मुफ्ती आजम मध्य प्रदेश द्वारा निकाह में ढोल, डीजे और आतिशबाजी पर पाबंदी लगाने की पहल का समर्थन करते हुए उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों से इस पहल को अपने जिलों में लागू करने की अपील की।

सब्र और समझदारी ही हमारी ताकत है: निजामी
पूर्व प्रदेश सचिव शेख निजामी साहब ने कहा, “आज शहर और प्रदेश मुसलमान एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है। जहां एक सही कदम तरक्की और कामयाबी की राह खोलेगा, वहीं एक गलत कदम समाज को दशकों पीछे ले जाएगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम साम्प्रदायिक तत्वों के जाल में फंसे बिना, सब्र और समझदारी के साथ समाज की तरक्की के लिए काम करते रहें।”
तालीम बनेगी हमारी ताकत: गुड्डू नबी
समाज सेवी गुड्डू नबी उस्मानी ने जबलपुर मुस्लिम समाज से अपील की कि एक रोटी कम खाएं, लेकिन अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिलाएं। उन्होंने कहा, “आने वाला दौर मुश्किल है, और तालीम ही हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेगी।”

मड़ई मस्जिद मामले में समाज ने दिखाई सूझबूझ: प्यारे साहब
वरिष्ठ समाज सेवी जनाब प्यारे साहब ने मड़ई मस्जिद मामले का जिक्र करते हुए कहा, “दूसरे पक्ष के लोग शहर की फिजा को खराब करना चाहते थे, लेकिन हमारे समाज के लोगों की सूझबूझ और शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन के सामने अपनी बात रखने के कारण उनके मंसूबे नाकाम हो गए।” उन्होंने यह भी बताया कि विश्व हिंदू परिषद के दबाव के बावजूद मस्जिद की एक ईंट भी नहीं हटाई जा सकी, क्योंकि हमारे लोग प्रशासन से मजबूती से जुड़े रहे और शहर में शांति बनाए रखी।
प्रतिनिधियों ने रखी अपनी बात…
बैठक में सिवनी जिले से आए प्रदेश महासचिव शोएब राजा ने अपने उद्बोधन में कहा, “मुस्लिम समाज में राजनीतिक जागरूकता की कमी है, जो हमारी पिछड़ेपन की मुख्य वजह है। हमें अपनी राजनीतिक समझ को बढ़ाना चाहिए और वोट देने के तरीके में बदलाव लाना चाहिए। हम किसी राजनीतिक दल के गुलाम नहीं हैं, बल्कि हमें उस उम्मीदवार को वोट देना चाहिए जो हमारे समाज के उत्थान के लिए काम करे।”

मंडला शहर से आए प्रदेश सचिव शाह फैसल खान ने भी अपने वक्तव्य में मुस्लिम समाज से अपील की कि वे अपनी राजनीतिक समझ को विकसित करें और गलत का विरोध करना सीखें। उन्होंने कहा, “हमें देश-विदेश में होने वाली अनैतिक घटनाओं पर विरोध दर्ज कराना चाहिए। यह हमारा संविधानिक अधिकार है, जिसे हमें उपयोग में लाना चाहिए।”
बुजुर्गों को किया याद…
साबिक मुफ्ती ए आजम हजरत मौलाना महमूद अहमद कादरी साहब, दिवंगत कांग्रेस नेता इकबाल रंगरेज साहब, वरिष्ठ पत्रकार कादर खान अफरीदी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुल्क और मिल्लत की खुशहाली की दुआ के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया।
साथ ही शहर और समाज में नुमाया खिदमात अंजाम देने वालों का इस्तकबाल भी किया गया।
