Jabalpur

पार्षद शफीक के तर्क, तथ्य, तैयारी और बेबाकी के आगे पूरा सत्ता पक्ष हुआ खामोश | नगर निगम सदन में बिना रुके  सवा घंटे रखी जनता की बात

तर्क, तथ्य, तैयारी और बेबाकी के साथ पार्षद शफीक हीरा ने नगर निगम सदन के बजट सत्र में अपनी बात रखी और हर बात के साथ आंकड़े और दस्तावेज पेश किए। युवा पार्षदों में शुमार शफीक ने अपने अंदाज ए बयान, तैयारी और बेबाकी से आज पूरे सदन को चौंका दिया। करीब सवा घंटा शफीक बिना रुके शहर और वार्ड के मसले पर अपनी बात रखते रहे और पूरा सदन उन्हें खामोश सुनता रहा।

शफीक ने वार्ड की जमीनी समस्याओं से लेकर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र की इजतिमाई समस्याओं तक और फिर शहर स्तर की समस्याओं पर भी नगर सरकार को घेरा और महापौर से तीखे सवाल किये।

बजट पर बोलते हुये शफीक ने जहां बजट की खामियां, तर्क और तथ्य के साथ गिनाईं, वहीं बजट में अपने सुझाव और प्रस्ताव भी दिये। मोतीलाल नेहरू वार्ड की जल प्लावन की समस्या से लेकर ट्रेफिक समस्या तक पर हीरा ने यहां अपनी बात रखी। आज हीरा इतनी तैयारी से आए थे कि महापौर और मेयर इन काउंसिल को उनको टोकना और रोकना मुश्किल हुआ। करीब सवा घंटे तक शफीक सदन में खड़े रहे। एलएंडटी नालों से लेकर जलप्लावन तक, सफाई ठेकेदार की मनमानी से लेकर अन्य जरूरी विषयों तक हीरा ने क्रमानुसार एक एक कर सभी विषयों में बात रखी।

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थूक पर विवाद मचाने का प्रयास..

एक समय ऐसा आया जब सदन को ट्रैक से उतारने का प्रयास हुआ, लेकिन नगर निगम अध्यक्ष की सजगता ने सदन को बजट बैठक पर केंद्रित रखा। दराअसल पार्षद शफीक हीरा जब बात करते हुये अपनी मांग की कापी नगर निगम अध्यक्ष और महापौर को देने पहुंचे तो एक भाजपा पार्षद ने कहा वो थूक लगाकर महापौर और अध्यक्ष को कापी दे रहे हैं। जिसपर नगर निगम अध्यक्ष ने उक्त भाजपा पार्षद को फटकार लगाई कि आप फिजूल बात न करें और उन्हें तत्काल बैठने का निर्देश दिया। जिसके बाद सदन में आगे की कार्यवाही चली।

महापौर नेताप्रतिपक्ष आमने सामने …

बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार की शुरुआत में महापौर ने मोर्चा संभाला विपक्ष पर सदन की गरिमा तार तार करने का आरोप लगाया। महापौर ने कहा प्रथम दिन विपक्ष ने सदन को धरना प्रदर्शन का मंच बना दिया, सदन चर्चा के लिये है, आंदोलन के लिये नहीं। कल जो कुछ किया, जिस तरह की नारेबाजी की गई, जैसे पोस्टर बैनर सदन में लहराए गये, जैसे शब्द महापौर के लिये प्रयुक्त हुये, वैसा सदन की बैठक में कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा विपक्ष अगर सदन को युवक कांग्रेस वाली प्रणाली पर चलाना चाहता है, तो हम भी फिर युवा मोर्चा की तर्ज पर सदन चलाने को मजबूर होंगे। महापौर ने कहा उनके लिये जिस तरह के शब्द इस्तेमाल किये गये उससे उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। लेकिन सदन की अपनी गरिमा है, जिसका ख्याल सबको रखना चाहिये। महापौर की बातों का जवाब देने अमरीश मिश्रा ने मोर्चा संभाला और कहा सदन के इतिहास में ऐसा भी कभी नहीं हुआ कि जब कोई महापौर एक पार्टी का सिम्बल दिखाकर वोट मांगे और फिर दूसरी पार्टी में चला जाए। मिश्रा ने कहा जनता सफाई से त्रस्त है, सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं, शहर कचरा घर बना हुआ है। तब विपक्ष की जिम्मेदारी थी कि वो जनता की आवाज मजबूती से सदन में रखे। अब इससे अगर महापौर आहत हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा महापौर अपनी शब्दावली की भी जांच करें।

निगम में रही शफीक की चर्चा..

नगर निगम में बुधवार हर कोई शफीक के भाषण की तारीफ करता नजर आया। हर जरूरी उनवान पर एक क्रम में पार्षद ने मजबूती के साथ अपनी बात रखी और सत्ता को जवाब देह बनाया। हर बात में तर्क था तथ्य था हाथ में दस्तावेज थे.. जो यह बता रहा था की पार्षद कई दिन की तैयारी के बाद सदन में आए है।

वरिष्ठ पार्षद ने संभाला मोर्चा ……..

विपक्ष के तीखे हमलों के बीच जब महापौर और युवा एमआईसी असहज होती दिखी तो वरिष्ठ पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने मोर्चा संभाला। श्री अग्रवाल ने कहा डोर टू डोर कर्मियों की हड़ताल में भी नगर निगम ने शहर में परेशानी नहीं होने दी। नगर सत्ता पहले से हर परिस्थिति के लिये तैयार थी। निगम में अपने स्तर पर कचरा कलेक्ट कराया, जिससे कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई। वहीं उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर सवाल दागते हुये कहा जब डेढ़ साल तक आप एमआईसी सदस्य थे तो आप  कितने पार्षदों को फोन करके पूछते थे कि आपके वार्ड में सफाई व्यवस्था का हाल क्या है।

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