
जबलपुर में इस समय कड़ाके की सर्दी का प्रकोप चरम पर है। पिछले एक हफ्ते से शहर में तापमान में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है और बर्फीली हवाओं ने ठंड की चुभन को और बढ़ा दिया है। इस सर्दी ने ना केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डालना शुरू कर दिया है।
जबलपुर में ठंड की स्थिति
- शहर में लगातार ठंड बढ़ रही है, तापमान में गिरावट जारी है।
- न्यूनतम तापमान 5.06°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री कम है।
- अधिकतम तापमान 23.4°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है।
- उत्तर भारत में हिमपात के कारण, बर्फीली हवाओं ने ठंड को और बढ़ाया है।
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक, उत्तर भारत में हुए हिमपात के कारण शहर में बर्फीली हवाओं का आक्रमण तेज़ हो गया है। इन ठंडी हवाओं की वजह से तापमान में गिरावट बनी हुई है। शहर का न्यूनतम तापमान 5.06 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जो सामान्य से 5 डिग्री कम है। वहीं अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सामान्य से 1 डिग्री कम है।
स्वास्थ्य पर विपरीत असर
बर्फीली हवाओं के कारण यह ठंड, विशेष रूप से वृद्ध व्यक्तियों, आर्थराईटिस, हृदय रोगियों और दमा के मरीजों के लिए खतरे का कारण बन गई है। चिकित्सकों के अनुसार, जब शरीर पर इस तरह की सर्दी का असर होता है, तो रक्त का प्रवाह गाढ़ा हो जाता है, जिससे हृदय की धड़कन और दमा (श्वांस फूलने) की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा, बर्फीली हवाओं की चुभन से हड्डी के दर्द में भी वृद्धि हो रही है, विशेष रूप से आर्थराईटिस के मरीजों के लिए यह मौसम बहुत कष्टकारी हो सकता है। कान और श्वांस की समस्या भी बढ़ रही है, जिससे सर्दी, जुकाम और बदन दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
चिकित्सकों की सलाह
इस मौसम में चिकित्सकों की सलाह है कि ठंड से बचाव के लिए उचित उपाय किए जाएं। गरम कपड़े पहनने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। हवा में नमी का स्तर भी अधिक है, जो शरीर को और ठंडा करता है, इसीलिए पर्याप्त गर्मी और सुरक्षा उपायों का पालन करना जरूरी है। चिकित्सकों का कहना है कि खासकर श्वसन तंत्र की समस्याओं और हृदय रोगियों को अपनी दवाइयाँ समय पर लेना चाहिए और ठंडी हवा से बचने का प्रयास करना चाहिए।
मौसम विज्ञान का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान संभाग के कुछ स्थानों पर शीतलहर चलने की संभावना है। वहीं, पचमढ़ी जिले में प्रदेश का सबसे कम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। सूर्योदय 6.54 बजे और सूर्यास्त 5.42 बजे होगा। हवा में नमी का स्तर सुबह 89 प्रतिशत और शाम को 47 प्रतिशत अनुमानित किया गया है। पिछले साल 9 जनवरी को अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री दर्ज किया गया था, जो इस साल से काफी उच्च था।
जनजीवन पर असर
ठंड की चुभन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सुबह और शाम के समय सड़कें सुनसान हो जाती हैं, और लोग घरों से बाहर कम ही निकलते हैं। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग घरों में रहकर ही इस ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। बाजारों में भी सर्दी के कारण भीड़ कम दिखाई दे रही है।
इस सर्दी के दौर में, ठंड से बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में असहाय लोगों के लिए गर्म वस्त्रों और अलाव की व्यवस्था की जा रही है, ताकि ठंड से उनकी सेहत पर विपरीत असर न पड़े।
इस कड़क सर्दी के मौसम में, लोगों को चाहिए कि वे अपनी सेहत का ख्याल रखें और ठंड से बचाव के पर्याप्त उपाय अपनाएं, ताकि इस कठिन मौसम का सामना किया जा सके।