Advertisement
Advertisement
JabalpurMadhya PradeshNews

जबलपुर पुलिस महानिरीक्षक ने थाने में पीड़ितों के साथ संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया

जबलपुर: समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा और पुलिस कार्यप्रणाली में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पुलिस महानिरीक्षक अनिल सिंह कुशवाह की उपस्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित “समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता” पर एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को नई कानूनी जानकारी के साथ-साथ, थाने में आने वाले पीड़ितों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा।

पुलिस कन्ट्रोलरूम जबलपुर में ‘‘समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता’’ विषय पर एक दिवसीय जोन स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन अनिल सिंह कुशवाह द्वारा किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक जबलपुर सम्पत उपाध्यायभी उपस्थित थे।

विज्ञापन

कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) प्रदीप कुमार शेण्डे, नगर पुलिस अधीक्षक गढ़ा देवेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सुआकांक्षा उपाध्याय, उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) संतोष कुमार शुक्ला, उप पुलिस अधीक्षक जिला कटनी प्रभात शुक्ला सहित जोन जबलपुर के सहायक उप निरीक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक स्तर के 38 अधिकारी उपस्थित थे

पुलिस महानिरीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को नए नियमों और कानूनों से अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति थाने में आता है, तो वह किसी न किसी प्रकार से पीड़ित होता है और उसकी अपेक्षाएं होती हैं कि कानूनी प्रावधानों के तहत त्वरित कार्यवाही की जाए। पुलिस अधिकारियों का दायित्व है कि वे पीड़ित व्यक्ति की समस्या को शांति और संवेदनशीलता से सुनकर विधिसम्मत कार्रवाई करें और उसे राहत पहुंचाएं।

कुशवाह ने अधिकारियों से अपने फील्ड अनुभवों को साझा करने और आपस में विचार-विमर्श करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से प्राप्त जानकारी को अधिकारियों को अपने थानों में शेयर करना चाहिए, ताकि पूरी पुलिस टीम को लाभ मिल सके।

विज्ञापन

पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय ने कहा कि पुलिस अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में सकारात्मक प्रयास करें और किसी भी प्रकार के अपराध पर त्वरित न्यायसंगत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, सभी साक्ष्यों को एकत्रित करना चाहिए, और विधि विशेषज्ञों की राय लेकर समय पर चालान पेश करना चाहिए। उनका मानना है कि पुलिस अधिकारियों की संवेदनशीलता से ही पीड़ित पक्ष को संतुष्टि मिल सकती है।

इस कार्यशाला के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

Jabalpur Baz

बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
Back to top button

You cannot copy content of this page