
डेंगू मलेरिया का फर्क : बरसात का मौसम दस्तक दे चुका है और इसके साथ ही डेंगू व मलेरिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है। इन दोनों बीमारियों की शुरुआती पहचान और समय पर इलाज न केवल जानलेवा स्थिति से बचा सकता है, बल्कि तेजी से ठीक होने में भी मददगार साबित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज बुखार और कमजोरी जैसे समान लक्षणों के कारण लोग अक्सर भ्रमित हो जाते हैं और घरेलू उपचारों पर निर्भर रह जाते हैं, जो स्थिति को गंभीर बना सकता है।
डेंगू मलेरिया का फर्क
डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है। इसके विपरीत, मलेरिया एक परजीवीजनित रोग है, जिसे प्लाज्मोडियम नामक परजीवी फैलाता है। यह परजीवी एनाफिलीज मच्छर के जरिए इंसान के शरीर में पहुंचता है, जो गंदे या ठहरे हुए पानी में पनपता है और आमतौर पर रात को काटता है।
लक्षणों में समानता और भ्रामक स्थिति
डेंगू और मलेरिया दोनों के प्रारंभिक लक्षण जैसे कि तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान—काफी हद तक एक जैसे होते हैं। यही कारण है कि अधिकांश लोग भ्रमित हो जाते हैं और लक्षणों को सामान्य वायरल या मौसम से जुड़ा असर मानकर उपचार में देर कर देते हैं।
पहचान के विशेष लक्षण
हालांकि कुछ विशेष लक्षणों पर गौर करके इन दोनों बीमारियों के बीच फर्क किया जा सकता है।
डेंगू के प्रमुख लक्षण:
- अचानक तेज बुखार
- आंखों के पीछे दर्द
- त्वचा पर रैशेज
- प्लेटलेट काउंट में तेजी से गिरावट
- गंभीर स्थिति में नाक या मसूड़ों से रक्तस्राव
मलेरिया के प्रमुख लक्षण:
- ठंड लगना और कंपकंपी
- अधिक पसीना आना
- हर 48 या 72 घंटे पर बुखार का लौटना
- उल्टी और मतली
- आंखों और त्वचा में पीलापन
जांच और पुष्टि
अगर उपरोक्त लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
डेंगू की पुष्टि के लिए:
- एनएस1 एंटीजन टेस्ट
- आईजीएम/आईजीजी एंटीबॉडी टेस्ट
मलेरिया की पुष्टि के लिए:
- ब्लड स्मीयर (रक्त की परत की जांच)
- रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट
इलाज और सावधानियां
डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है, लेकिन उचित समय पर supportive treatment यानी लक्षणों के अनुसार इलाज से मरीज को ठीक किया जा सकता है।
वहीं मलेरिया के लिए प्रभावशाली दवाएं उपलब्ध हैं और अगर समय पर इलाज हो जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
चिकित्सकों का कहना है कि डेंगू और मलेरिया से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है — जागरूकता और सावधानी। बरसात के मौसम में मच्छरों के प्रजनन की संभावना अधिक हो जाती है, खासकर जहां साफ या गंदा पानी इकट्ठा होता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि लोग अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और बुखार की स्थिति में लापरवाही न बरतें।
अंततः, डेंगू और मलेरिया को लेकर किसी भी प्रकार की अनदेखी घातक साबित हो सकती है। इन बीमारियों की सही पहचान, समय पर जांच और उचित इलाज से ही जीवन की रक्षा संभव है।