
जबलपुर, 29 मई 2025 — देशभर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में हल्की बढ़त देखी जा रही है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या 1,000 के पार पहुंच चुकी है। हालांकि राहत की बात यह है कि जबलपुर जिले में अब तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने नहीं आया है। बावजूद इसके, जिला स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन सतर्क मोड पर आ गए हैं।
अन्य राज्यों से बढ़ती आवाजाही बनी चिंता का कारण
जबलपुर में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अन्य राज्यों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना होता है। ऐसे में प्रशासन कोरोना के संभावित प्रसार को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। सर्दी, खांसी, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे कोरोना जैसे लक्षणों वाले मरीजों को लेकर नगर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
हालांकि, जिले में फिलहाल कोरोना टेस्टिंग या किसी प्रकार की विशेष एडवाइजरी जारी नहीं की गई है।
अस्पतालों में पर्याप्त बेड और संसाधनों की उपलब्धता
कोरोना की पिछली लहरों के दौरान जबलपुर में स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव देखा गया था। ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर ICU बेड तक की भारी कमी सामने आई थी। इस अनुभव से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया है।
वर्तमान में जबलपुर के अस्पतालों में कुल 900 से अधिक नए बेड जोड़े गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- 500 बेड मेडिकल कॉलेज के नए भवन में
- 180 बेड पल्मोनरी मेडिसिन एक्सीलेंस स्कूल अस्पताल में
- 250 के करीब बेड निजी अस्पतालों के विस्तार से
ऑक्सीजन सप्लाई में आत्मनिर्भरता
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी, तब से लेकर अब तक जबलपुर के अस्पतालों ने ऑक्सीजन सप्लाई में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। नगर के प्रमुख अस्पतालों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट इस प्रकार हैं:
- 10 किलोलीटर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट – शिशु रोग अस्पताल
- 10 किलोलीटर – सुपरस्पेशलिटी अस्पताल
- 10 किलोलीटर – पल्मोनरी मेडिसिन एक्सीलेंस स्कूल अस्पताल
- 1,500 लीटर पीएस सेप्रेटर प्लांट – स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट
- 500 और 550 किलोलीटर के दो ऑक्सीजन प्लांट – जिला अस्पताल
इनके अतिरिक्त, जबलपुर के 5 निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे आपात स्थिति में निर्भरता कम होगी और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
मेडिकल कॉलेज में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
जबलपुर के मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया गया है:
- 180 करोड़ रुपये की लागत से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
- 11 आधुनिक ऑपरेशन थिएटर
- 3 ICU और 3 HDU वार्ड
- सुपरस्पेशलिटी और पल्मोनरी अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाएं
स्वास्थ्य विभाग की स्थिति और सतर्कता
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. संजय मिश्रा ने बताया, “जिले में फिलहाल कोरोना का कोई भी केस नहीं आया है और ना ही किसी प्रकार की नई गाइडलाइन जारी की गई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग एहतियातन पूरी तरह सतर्क है। कोरोना जैसे लक्षणों वाले मरीजों पर नजर रखी जा रही है और अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।”
हालांकि जबलपुर में अभी कोरोना का कोई केस दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन देशभर में बढ़ते मामलों और बाहरी राज्यों से लोगों की आवाजाही को देखते हुए सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से यह साफ है कि प्रशासन अब किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से कहीं अधिक सक्षम है।