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जो गोली से बचे वो भूख से मरे..’ गाजा में महिलाएं और बच्चे कचरे में ढूंढ रहे हैं खाना’ 23 लाख लोग भूख और असुरक्षा का सामना कर रहे

गाजा, 25 दिसंबर 2024: गाजा में आज हालत यह है कि जो इजरायल की गोली और बम से बच गये हैं, वो भूख की वजह से रोज मर रहे हैं. आज उत्तरी गाजा में हालत यह है की इजरायल एक तरफ से बमबारी कर रहा है, तो दूसरी तरफ से किसी भी तरह की मदद वहां नहीं पहुंचने दे रहा है. रिपोर्ट के अनुसार बीते 7 दिनों में रफाह से उत्तरी गाजा के लिये 100 से ज्यादा राहत ट्रक निकले लेकिन पहुंचे सिर्फ 12 ट्रक… 88 ट्रक रास्ते में इजरायल की आर्मी ने लूट लिये और लुटवा दिये.

इजराइल-हमास के बीच चल रहे 15 महीने लंबे युद्ध ने गाजा के नागरिकों को असहनीय कष्टों में डाल दिया है। युद्ध की वजह से गाजा के लगभग 23 लाख लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं और दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उत्तर गाजा में हालात बेहद खराब हैं, जहां इजराइल ने पहले हमला किया था, और वहां राहत सामग्री के रास्ते में लूटपाट की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।

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हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर गाजा में पिछले ढाई महीने के दौरान 100 से ज्यादा राहत सामग्री से भरे ट्रकों को लूट लिया गया। इस दौरान सिर्फ 12 ट्रक ही अपने गंतव्य तक पहुंच सके। इस स्थिति ने गाजा के लोगों को भूख से जूझने पर मजबूर कर दिया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि राहत सामग्री को लूटने की घटनाएं उन क्षेत्रों में बढ़ी हैं जहां इजराइल की घेराबंदी सबसे कड़ी है, खासकर जबालिया, बेत लाहिया और बेत हनून में। इन इलाकों में राहत सामग्री की आपूर्ति रोकने और लुटवाने का आरोप इजराइल पर है। ऑक्सफैम द्वारा जारी बयान में कहा गया कि 6 अक्टूबर से इजराइल जानबूझकर उत्तरी गाजा में सैन्य घेराबंदी बढ़ा रहा है, जिससे खाद्य सामग्री और चिकित्सा आपूर्ति लोगों तक नहीं पहुंच पा रही।

बच्चों का कचरे में खाना तलाशना

गाजा के लोग ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं कि वे बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। महिलाएं और बच्चे कचरे के ढेर में खाना तलाशने को मजबूर हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, परिवारों के पास खाने के लिए एक पैकेट बिस्किट या कुछ अंडे होते हैं, जो किसी तरह से अपनी जीवन रक्षा करने के लिए काफी होते हैं। गाजा में रहने वाले लोग बताते हैं कि परिवार के बड़े सदस्य बच्चों को खेलने से मना करते हैं, ताकि उन्हें चक्कर न आ जाए और वे बीमार न पड़ें। एक परिवार के पास 15 लोगों के लिए एक पैकेट बिस्किट था और एक तिरपाल (जो एक टेंट बनाने के काम आता है) की कीमत करीब 15,000 रुपये थी।

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 गाजा में हालात बेहद गंभीर

गाजा में चल रहे कत्लेआम, युद्ध और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले मानवीय संकट के कारण लाखों लोग संकटग्रस्त हैं। राहत सामग्री की कमी, लूटपाट और सैन्य घेराबंदी के कारण यहां के नागरिकों का जीवन दूभर हो चुका है। यह स्थिति ना केवल गाजा के लोगों के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। अगर जल्द ही राहत सामग्री की आपूर्ति में सुधार नहीं होता, तो यहां के लोग और भी अधिक कठिनाइयों का सामना करेंगे।

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