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बरियातले मोती नाला में दर्दनाक हादसा : 32 साल के अलीम की दर्दनाक मौत, मासूम बच्चे अभी भी पापा का इंतजार कर रहे

… बरियातले मोतीनाला निवासी अलीम पूरे समाज में एक मिलनसार, मेहनती और जिम्मेदार नौजवान के तौर पर जाने जाते थे। वे नगर निगम जबलपुर में जेसीबी मशीन चलाने का काम करते थे। उनका जाना सिर्फ परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे मोहल्ले के लिए अपूरणीय नुकसान है। उनके जाने का गम हर किसी के दिल में है, और उनकी यादें हमेशा लोगों के दिलों में ज़िंदा रहेंगी।

अलीम के साथ हुआ यह दर्दनाक हादसा सिर्फ एक परिवार का दुख नहीं है। यह पूरे समाज के लिये खासकर नौजवानों के लिये एक सबक भी है। पानी वाली जगहों पर जाने बचें। पानी की तरफ आगे जाएं तो यह भी सोचें की पीछे एक बूढा बाप, एक नेक बीवी, मासूम बच्चे, जान से ज्यादा मोहब्बत करने वाले भाई बहन आपका इंतेजार कर रहे हैं। अनजाने तालाब में उतरने के पहले एक बार जरूर सोचें की अगर तुम नहीं लौटे तो वो पूरी जिंदगी तुम्हारी याद में तड़पते रहेगे.

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जबलपुर। बरियातले मोती नाला निवासी मोहम्मद सलीम साहब के बेटे, 32 साल के मोहम्मद आज़ाद, जिन्हें सब प्यार से अलीम कहते थे, इतवार की दोपहर अचानक इस दुनिया से रुखसत हो गए। उनकी मौत की खबर जैसे ही फैली, पूरे मोती नाला और बरियारतले क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। जिसने भी इस दर्दनाक खबर को सुना वो आह करके रह गया.

मोहम्मद आज़ाद (अलीम)

अलीम अपने भाई के साथ बरगी के पास पड़रिया गांव अपने रिश्तेदारों के घर गए हुए थे। लोगों का कहना है कि दोपहर में दोनों भाई तालाब के पास नहाने गए। अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और अलीम बहाव में बह गए। भाई को बचा लिया गया, लेकिन अलीम को समय रहते बचाया नहीं जा सका।

अलीम के जाने से परिवार में गहरा गम है। उनके पीछे सात साल की बेटी अक्सा, जो तीसरी क्लास में पढ़ती है, और पांच साल का बेटा अक़मल, जो केजी 2 में है, रह गए। मोहम्मद सलीम साहब और पूरा परिवार अब इस भारी सदमे को सहने की कोशिश कर रहा है। मोहल्ले के लोग अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि अलीम की नेक बीवी और मासूम बच्चों को सब्र अता करे और मा बाप को इस दुख को सहने की ताकत दे।

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अलीम को सोमवार मंडीमदार टेकरी कब्रस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया। जहां हर कोई दुआ कर रहा था कि अल्लाह अलीम को जन्नत में आला मकाम अता करे और घरवालों को इस बड़े दुख को सहने की ताकत और सब्र अता फरमाए ।

ठेला लगाते हैं सलीम साहब

अलीम के वालिद मोहम्मद सलीम ठेले पर चना-मूंगफली बेचते हैं। गरीबी और मुश्किल हालातों के बावजूद सलीम साहब ने अपने बच्चों की बेहतरीन परवरिश की। अलीम सबसे छोटे और घर के सबसे लाडले थे। उनके साथ हुए इस दर्दनाक हादसे ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया है।

पीछे छोड़ गए दो मासूम

अलीम के दो छोटे बच्चे हैं – 7 साल की बेटी अक्सा और 5 साल का बेटा अक़मल। अलीम बच्चों की पढ़ाई-तालीम को लेकर बहुत गंभीर थे और उन्हें अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे थे। आज भी अक्सा और अक़मल अपने पापा के इंतजार में हैं, यह उम्मीद लिए कि वह घर लौटेंगे…

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बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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