
रिपोर्ट: अरशद क़ादरी, जबलपुर । शहादत के पर्व मुहर्रम की आज शनिवार को शहादत की रात है। तारीख-ए-करबला के अनुसार, नौंवी मोहर्रम हजरत इमाम हुसैन की जाहिरी हयात की अंतिम रात्रि थी। दसवीं मोहर्रम, यानी यौमे आशूरा को हजरत इमाम हुसैन ने अल्लाह को राजी करने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। इस पवित्र अवसर पर जबलपुर में शहादत की रात के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। शहर और उपनगरीय क्षेत्रों में सवारियां और ताजिया गश्त पर निकलेंगी, जो मदार छल्ला और सिटी कोतवाली के सामने जियारत के लिए रखे जाएंगे।
शहर में शहादत की रात की तैयारियां
शहादत की रात के मौके पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जुलूस और लंगर वितरण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सिटी कोतवाली बाजार स्थित मौलाना की गली में मरहूम शेख मुन्ना नियाजी और मरहूम अब्दुल रऊफ बाबा नियाजी के इमामबाड़े में मोहर्रम की नौवीं तारीख को हाजी शेख जमील नियाजी, हाजी शेख मुबीन नियाजी, हाजी शेख अनवार नियाजी और हाजी बाबा सैयद शेख अमीन कर्बलाई की सरपरस्ती में जायरीनों के लिए चाय-पानी का इंतजाम किया गया है। जुलूस में शामिल होने की अपील मोहम्मद रईस नियाजी, मीर फैजान अली नियाजी, हाजी मोहम्मद अनीस नियाजी, मोहम्मद अबरार नियाजी और मोहम्मद हुसैन नियाजी ने की है।
कोतवाली क्षेत्र में अंजुमन खादिमाने अहले बैत कमेटी के ताहिर खान, वाजिद खान, एड. रिजवान खान, रईस भाई, सादिक खान और हुसैन लंगर कमेटी द्वारा लंगर का वितरण किया जाएगा। लंगर में मीठे चावल, दूध की छबील और शाकाहारी पुलाव विशेष रूप से शामिल होंगे।
उपनगरीय क्षेत्रों में उत्साह
उपनगरीय क्षेत्रों में भी शहादत की रात का विशेष आयोजन होगा। छावनी क्षेत्र सदर में ताजिया सवारी का जुलूस सदर बाजार की गलियों में गश्त के बाद शिवाजी ग्राउंड में एकत्रित होगा। फातिहा खानी के उपरांत जुलूस घंटाघर स्थित हजरत मशीन वाले बाबा की दरगाह की ओर रवाना होगा।
गढ़ा क्षेत्र में शहादत की रात गढ़ा बाजार में मनाई जाएगी। इस मौके पर डॉ. सैयद मकबूल अली कादरी, सूफी निजाम बाबा, खलीफा मुमताज मंसूरी और दादा दरबार की सवारियां मुख्य रूप से शामिल होंगी। कौमी एकता मुर्तुजा एकता कमेटी के मुईन उस्मानी द्वारा सवारी और ताजियों का भव्य स्वागत किया जाएगा।
चार खंबा में मदनी मिल्लत समिति के सरपरस्त मतीन अंसारी के नेतृत्व में सवारियों के मुजावरी का स्वागत और लंगर वितरण किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ इकबाल, उपाध्यक्ष कुतुबुद्दीन, सचिव मोहम्मद शोएब, गुड्डू बाबा और अफरोज भाई ने सभी जायरीनों से शिरकत की अपील की है।
मंडी मदार टेकरी में गुलशने कुरैश कमेटी, जो पिछले 40 वर्षों से आकर्षक विद्युत सज्जा के लिए जानी जाती है, शहादत की रात के मौके पर लंगर-ए-आम का आयोजन करेगी। कमेटी के अध्यक्ष अमीन कुरैशी, शाकिर कुरैशी, निहाल कुरैशी और नयाब कुरैशी द्वारा परंपरानुसार मुजवारों का स्वागत किया जाएगा।
सलामी समारोह और अखाड़ा प्रदर्शन
मुहर्रम की सातवीं तारीख, सफर की रात, को मुतवल्ली सैयद कादिर अली कादरी की सदारत में आयोजित सलामी समारोह में सज्जादानशीन मुबारक कादरी, निजाम कादरी और इनायत कादरी के अनुसार, इस वर्ष 150 से अधिक सवारियों ने मदन महल दरगाह में सलामी पेश की।
मुहर्रम की आठवीं तारीख को विभिन्न क्षेत्रों में अखाड़ा कमेटियों द्वारा हैरतअंगेज कारनामे दिखाए गए। सदर में अब्बास अलमदार कमेटी ने बैंड बाजों पर शहीदी कलाम की धुनें पेश कीं, जिसमें हिंदू-मुस्लिम अकीदतमंदों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और नजराने पेश किए। बैदरा मोहल्ला में सूफी निजाम बाबा, शाहरुख सुलतानी, वसीम खान और सरफराज खान द्वारा विशाल लंगर-ए-आम का आयोजन किया गया।
मुफ्ती-ए-आजम की अपील
मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश हजरत मौलाना डॉ. मुशाहिद रजा कादरी ने मुहर्रम पर्व को शालीनता और अकीदत के साथ मनाने की अपील की है। उन्होंने बड़े ट्रकों के बजाय छोटे वाहनों पर लंगर वितरण करने, लंगर को फेंककर न देने और यौमे आशूरा के दिन महिलाओं से घर पर रहकर इबादत करने की सलाह दी है। विशेष रूप से, उन्होंने लंगर में मीठे चावल, दूध की छबील और शाकाहारी पुलाव वितरित करने पर जोर दिया।
समुदाय की एकजुटता
जबलपुर में मुहर्रम के आयोजन कौमी एकता का प्रतीक हैं। विभिन्न कमेटियों और समितियों के सहयोग से शहर में शहादत की रात और यौमे आशूरा को गरिमा के साथ मनाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग इस अवसर पर एक साथ मिलकर शहीदी कलाम और जुलूसों में हिस्सा लेते हैं, जो सामाजिक सौहार्द को दर्शाता है।