आवामी फ़लाह सोसाइटी की जानिब से आंखों का मुफ़्त जांच कैंप — बच्चों की नज़रों पर मोबाइल का बुरा असर साफ़ देखा गया

जबलपुर, अंसार नगर | आज दर्सगाह इस्लामी हायर सेकेंडरी स्कूल, अंसार नगर, जबलपुर में आवामी फ़लाह सोसाइटी की तरफ़ से एक अहम क़दाम उठाया गया। बच्चों की सेहत और तालीम को मद्देनज़र रखते हुए आंखों की मुफ़्त जांच का कैंप लगाया गया। इस मौके पर तालीब-ए-इल्म बच्चों की आंखों का तजुर्बा-कार डॉक्टरों की टीम ने बारिकी से मुआयना किया।

जांच में जो बात सामने आई, वो काफ़ी फिक्र की बात है। ज़्यादातर बच्चों की आंखें कमज़ोर पाई गईं — और इसकी सबसे बड़ी वजह मोबाइल फ़ोन का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल बताई गई।
डॉक्टरों ने बताया कि कुछ बच्चे तो जांच वाले चार्ट का सबसे बड़ा हरफ़ (अक्षर) भी नहीं पढ़ सके। इससे ये अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि उन्हें क्लास में ब्लैकबोर्ड पर लिखा हुआ भी शायद नज़र नहीं आता होगा।

जिन बच्चों की नज़र बहुत ज़्यादा कमज़ोर पाई गई, उन्हें ख़ास जांच और इलाज के लिए चिन्हित किया गया है। इस मुहिम का मक़सद सिर्फ़ बीमारी ढूंढना नहीं, बल्कि वक्त रहते इलाज और तालीम में रुकावट को रोकना है।
कैंप में भरपूर तआवुन करने वाले हजरात:
- सेक्रेटरी शकील अहमद
- इफ्तिखार अहमद
- खतीब अहमद
- मुबीन अहमद साहब
- मुईन अहमद
- तल्हा साक़िब
- मोहम्मद नासिर साहब
इन तमाम हज़रात की कोशिशों और मेहनत से ये नेक काम कामयाबी के साथ अंजाम तक पहुंचा।
डॉक्टरों की टीम में शामिल थे:
- डॉ. एहतेशाम अंसारी साहब (नेत्र रोग विशेषज्ञ)
- अशफ़ाक़ अहमद
- मुकुल सक्सेना
इन्होने बच्चों की आंखों की बारीकी से जांच की और मोबाइल से दूर रहने की नसीहत दी।
डॉक्टरों और सोसाइटी की तरफ़ से अहम पैग़ाम:
- बच्चों को मोबाइल से दूर रखें या बहुत ज़रूरी हो तभी दें
- हर 6 महीने में आंखों की जांच करवाएं
- बच्चों को खेलने-कूदने और बाहर की ताज़ा हवा में वक़्त बिताने की आदत डालें
- क्लास में टीचर्स को चाहिए कि अगर कोई बच्चा ठीक से न पढ़ सके, तो उसके मां-बाप को फौरन आगाह करें
वरिष्ठ समाजसेवी इफ्तिखार अंसारी ने बताया कि आगे चलकर जबलपुर और आस-पास के इलाक़ों में भी ऐसे कैंप लगेंगे, ताकि क़ौम के बच्चों की सेहत बेहतर हो और वो रौशन मुस्तक़बिल की तरफ़ कदम बढ़ा सकें।