Advertisement
JabalpurNews

Gaza Update : ग़ज़ा में भूख और जब्र का नंगा नाच: 24 घंटे में 51 फ़लस्तीनियों की मौत, जिनमें 16 राहत की कतार में लगे मासूम

BAZ NEWS NETWORK – इसराइल के लगातार हमलों और भुखमरी के बढ़ते संकट के बीच ग़ज़ा में हालात और बदतर हो गए हैं। मेडिकल सूत्रों के अनुसार, शनिवार को अलग-अलग हमलों और गोलीबारी में कम से कम 51 फ़लस्तीनियों की मौत हो गई है। इनमें 16 वे लोग शामिल हैं, जो राहत सामग्री पाने की कोशिश कर रहे थे।

खान यूनुस में टेंट पर बमबारी

इसराइली तोपखाने ने दक्षिणी ग़ज़ा के खान यूनुस के उत्तर-पश्चिमी इलाके अस्दा में शरण लिए हुए परिवारों के टेंट को निशाना बनाया। इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई, जिनमें छह बच्चे भी शामिल हैं।

Baz Media WhatsApp Group Join Now
विज्ञापन

अन्य हमले और गोलीबारी

  • मग़ाज़ी शरणार्थी शिविर में इसराइली ड्रोन हमले में दो लोगों की मौत हुई।
  • खान यूनुस के दक्षिण-पूर्व में राहत सामग्री के वितरण केंद्र के पास एक फ़लस्तीनी को गोली मार दी गई।
  • नेत्ज़ारिम कॉरिडोर के पास भी मदद पाने की कोशिश कर रहे एक नागरिक को इसराइली सैनिकों ने गोली मार दी।

भूख से मौतें

ग़ज़ा की स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कुपोषण और भूख से आठ और लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं। इस तरह अब तक भूख और कुपोषण से मरने वालों की संख्या 281 पहुँच चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मुनीर अल-बुरश ने कहा:

“भुखमरी चुपचाप बच्चों और नागरिकों की ज़िंदगी छीन रही है। टेंट और अस्पताल रोज़ाना त्रासदी का केंद्र बन चुके हैं।”

संयुक्त राष्ट्र की घोषणा

संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से ग़ज़ा में भुखमरी (Famine) की घोषणा कर दी। यह पहला मौका है जब मध्य-पूर्व में किसी जगह को अकालग्रस्त घोषित किया गया है। यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेश ने इस संकट को “इंसानी हाथों से बनाई गई तबाही” बताया और इसराइल पर राहत सामग्री पहुँचने में “व्यवस्थित रुकावट” डालने का आरोप लगाया।

विज्ञापन

कितने लोग प्रभावित?

अंतरराष्ट्रीय भूख निगरानी संस्था (IPC) के अनुसार, ग़ज़ा में 5.14 लाख लोग यानी लगभग हर चौथा नागरिक इस समय अकाल की स्थिति में है। यह संख्या सितंबर तक बढ़कर 6.41 लाख तक पहुँच सकती है।

फ़लस्तीनी मंत्रालय का बयान

ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा:

“भूख को हथियार बनाना, नरसंहार का ही एक हिस्सा है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र की तबाही, सामूहिक हत्याएँ और पूरी पीढ़ियों को खत्म करने की नीति भी शामिल है।”

युद्ध का आँकड़ा

  • इसराइल के हमलों में अब तक 62,600 से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं।
  • जबकि सिर्फ़ राहत पाने की कोशिश करते हुए 2,076 फ़लस्तीनी मारे गए और 15,300 से अधिक घायल हुए हैं।

Jabalpur Baz

बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
Back to top button

You cannot copy content of this page