
जबलपुर | बाज मीडिया । जबलपुर के आज़ाद नगर, महोरिया में एक रूहानी और पुरअसर महफ़िल का आयोजन किया गया, जिसमें मदरसा फैज़ाने इमामे आज़म अबू हनीफा के तहत हाफ़िज़ बनने वाले बच्चे इंतिज़ार अली वल्द याकूब अंसारी की दस्तारबंदी की गई। इस मुबारक मौके पर नगर के सैकड़ों लोग, उलमा, हाफ़िज़ और समाज के तमाम तबक़े के लोग शामिल हुए।
जबलपुर के मोहल्ला आज़ाद नगर, महोरिया में आज एक रूहानी और खुशगवार माहौल देखने को मिला, जहाँ नन्हे हाफ़िज़ मो. इंतिज़ार अली की दस्तारबंदी — यानी कुरआन पाक मुकम्मल याद करने पर उनका सम्मान — बड़े ही अदब और खुशी के साथ मनाया गया।
मो. इंतिज़ार अली, जिनकी उम्र अभी बहुत कम है, एक मेहनती और समझदार बच्चा है। उनके वालिद मो. याकूब अंसारी जबलपुर में फर्नीचर का काम करते हैं। इंतिज़ार अली ने मदरसा फैज़ाने इमामे आज़म अबू हनीफा में पढ़ाई करते हुए हाफ़िज़ निज़ामुद्दीन साहब की देखरेख में कुरआन पाक को पूरा याद (हिफ़्ज़) कर लिया।
यह एक बहुत बड़ी कामयाबी होती है, क्योंकि कुरआन को ज़र्रा-ज़र्रा याद रखना ना सिर्फ़ इबादत है, बल्कि पूरे समाज के लिए फख्र की बात भी होती है।
🎉 महफ़िल के प्रमुख मेहमान और सरपरस्त
इस जश्ने दस्तार की सरपरस्ती बदरुद्दीन शाह गुड्डू बाबा ने की, आप हज़रत सुब्हानअल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह के गद्दीनशीन हैं। यह आयोजन मस्जिद हुसैनिया के पास किया गया, जहाँ पूरे इलाके के अकीदतमंदों की भारी भीड़ देखी गई।
🕌 उलमा और ख़तिब हज़रात की तशरीफ़ आवरी
महफ़िल में तशरीफ़ लाए जानी-मानी शख्सियतें:
- हज़रत अल्लामा मौलाना असलम अशरफ़ी साहब
- मौलाना हाफ़िज़ सुल्तान अशरफ़ी साहब (ख़तीब, इमाम मस्जिद छुट्टू मियाँ की तलैया)
- हाफ़िज़ नसीर साहब
- क़ारी सलाहुद्दीन साहब (शाही इमाम मस्जिद)
- शायर मुख़्तार नादिर साहब (मंच संचालन)
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा की गई तिलावत, नात और इस्लामी तक़रीरें लोगों के दिलों को छू गईं। मंच संचालन करते हुए शायर मुख़्तार नादिर साहब ने शेरो-शायरी के अंदाज़ में जश्न को रूहानी रंग दे दिया।