
जबलपुर | BAZ न्यूज़ | 6 अगस्त 2025 | रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है, लेकिन जबलपुर शहर की सड़कों पर खुशी कम, जाम और झुंझलाहट ज्यादा नजर आ रही है। राखी और तीज जैसे त्योहारों की खरीददारी के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है, पर यह भीड़ अब अव्यवस्था, ट्रैफिक जाम और प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है।
🕐 दोपहर 1 बजे से शुरू होता है हाहाकार, प्रशासन की पाबंदी लागू होती है शाम 7 से
शहर के मालवीय चौक, मिलौनीगंज, कमानिया गेट, बड़ा फुहारा, निवाड़गंज, गल्ला मंडी और अंधेरदेव जैसे प्रमुख बाजार क्षेत्र दिन में 1 बजे से ही रौनक से भरने लगते हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा और भारी वाहनों पर लगाई गई पाबंदी सिर्फ शाम 7 बजे के बाद लागू होती है।
इस समयानुसार विसंगति के कारण दोपहर से लेकर शाम तक बाजारों में भारी जाम की स्थिति बन जाती है। ग्राहक, दुकानदार और राहगीर सभी इससे त्रस्त हैं।
🧭 बाजारों की स्थिति: पांच थाना क्षेत्रों की निगरानी, फिर भी हाल बेहाल
इन मुख्य बाजार क्षेत्रों की निगरानी कोतवाली, लार्डगंज, हनुमानताल, बेलबाग और ओमती थाना क्षेत्रों में आती है, लेकिन कहीं भी कोई प्रभावी ट्रैफिक प्रबंधन नजर नहीं आता। कई चौराहों जैसे:
- करमचंद चौक
- मालवीय चौक
- ओमती चौक
- मिलौनीगंज चौराहा
…पर पुलिसकर्मियों की उपस्थिति बेहद सीमित है। वाहन बाजार में घुस जाते हैं और अंत में बैरिकेडिंग पर रुकने को मजबूर होते हैं। इससे हालात और बिगड़ जाते हैं, जिससे जगह-जगह झगड़े, टकराव और जाम की नई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं।
🔧 क्या हैं संभावित समाधान?
शहर के व्यापारी और ट्रैफिक जानकारों का मानना है कि कुछ बुनियादी सुधारों से स्थिति को काफी हद तक सुधारा जा सकता है:
✔ सुधारात्मक उपाय:
- 🎯 लोडिंग-अनलोडिंग के लिए समय निर्धारित किया जाए — सुबह 11 बजे तक या रात 11 बजे के बाद।
- 🚫 त्योहारों के दौरान ई-रिक्शा और चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर दिनभर प्रतिबंध लगे।
- 👮 ट्रैफिक पुलिस की स्थायी तैनाती प्रमुख एंट्री प्वाइंट्स पर की जाए — जैसे मालवीय चौक, ओमती, मिलौनीगंज, करमचंद चौक आदि।
- 🧱 सड़क किनारे के अवैध अतिक्रमणों को तत्काल हटाया जाए।
- 🤝 प्रशासन और व्यापारियों के बीच नियमित संवाद सुनिश्चित किया जाए।
व्यापारियों की उम्मीदों पर फिर पानी
रक्षाबंधन और तीज जैसे पर्व व्यापारियों के लिए साल की सबसे ज्यादा कमाई के मौके होते हैं। लेकिन ट्रैफिक अव्यवस्था और पार्किंग की कमी ने इस बार ग्राहकों की संख्या पर सीधा असर डाला है।
जो ग्राहक आते भी हैं, वो जाम में फंसकर या सही पार्किंग न मिलने की वजह से खाली हाथ लौट जा रहे हैं।
व्यापारियों का सवाल है –
“जब प्रशासन को पहले से पता है कि त्योहारों में भीड़ बढ़ेगी, तो ट्रैफिक व्यवस्था की पूर्व योजना क्यों नहीं बनाई गई?”
🛑 बद से बदतर होती तस्वीर
फिलहाल बाजारों में रक्षाबंधन की तैयारी कम और जाम की त्रासदी ज्यादा दिख रही है। अगर प्रशासन ने अब भी सतर्कता नहीं दिखाई, तो दशहरा, दीपावली जैसे बड़े त्योहारों में हालात और भी भयावह हो सकते हैं।
त्योहारों की खुशी तभी पूरी हो सकती है जब आम लोगों को सुविधा और सुरक्षा मिले। जबलपुर के बाजारों में व्यवस्था की कमी सिर्फ यातायात की समस्या नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक असफलता की ओर इशारा करती है।
🎯 समय रहते प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम को सामूहिक प्रयासों से स्थायी समाधान निकालना होगा — वरना हर त्योहार लोगों के लिए एक नई मुसीबत बन जाएगा।