GAZA UPDATES: 31 अगस्त को ग़ज़ा की ओर बढ़ेगा दुनिया का सबसे बड़ा फ़्लोटिला – इज़राइल की नाकाबंदी को सीधी चुनौती!

ग़ज़ा (BAZ News Network)।
इज़राइल की नाकेबंदी के चलते पिछले पाँच महीनों से ग़ज़ा में मानवीय सहायता नहीं पहुंच पाई है। इसी बीच, दुनिया का सबसे बड़ा नागरिक और मानवीय बेड़ा “ग्लोबल सुमूद फ़्लोटिला” चार दिनों बाद ग़ज़ा की ओर रवाना होने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा संगठन (IPC) ने ग़ज़ा में आधिकारिक तौर पर अकाल घोषित कर दिया है, जिससे इस मिशन की अहमियत और बढ़ गई है।
चार बड़े आंदोलनों का ऐतिहासिक गठबंधन
ग्लोबल सुमूद फ़्लोटिला अब तक का सबसे बड़ा नागरिक और मानवीय काफ़िला है, जो बेहद कम समय में तैयार हुआ है। यह गठबंधन चार बड़े अंतरराष्ट्रीय जनआंदोलनों के अभूतपूर्व एकजुट होने से बना है:
- फ़्रीडम फ़्लोटिला कोएलिशन
- ग्लोबल मार्च टू ग़ज़ा
- सुमूद कॉनवॉय
- एशियन सुमूद नुसंतारा
इसमें दुनिया भर से हज़ारों लोग शामिल हुए हैं, जिनमें वकील, डॉक्टर, नर्स, पत्रकार, सांसद और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं।
“मानवीय मिशन, जो उम्मीद लेकर चल रहा है”
फ़्लोटिला की स्टीयरिंग कमेटी की सदस्य और वकील मेलानी श्वाइज़र ने कहा:
“हम ग़ज़ा की जनता तक जीवन रक्षक सहायता पहुंचाने और एक अवैध नाकाबंदी को चुनौती देने के मिशन पर निकले हैं। यह नाकाबंदी अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सबसे बड़े अपराधों में से एक है। ग्लोबल सुमूद फ़्लोटिला केवल खाद्य और दवाएं ही नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की उम्मीद भी लेकर चल रहा है कि इंसानियत बेपरवाही पर हावी होगी।”
पिछले प्रयास और संघर्ष
- 2006 से फ़्रीडम फ़्लोटिला कोएलिशन लगातार जहाज़ों के ज़रिये ग़ज़ा की नाकाबंदी तोड़ने की कोशिश करता रहा है।
- कुछ जहाज़ अपने मिशन में सफल हुए, जबकि कई को इज़राइली सेना ने रोक दिया।
- 2010 में एक फ़्लोटिला पर इज़राइल की घातक कार्रवाई में 10 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी।
मार्च 2025 में हुए ग्लोबल मार्च टू ग़ज़ा में 4,000 से ज़्यादा लोग दुनिया भर से शामिल हुए और काहिरा से रफ़ाह की ओर कूच किया। इसी दौरान सुमूद कॉनवॉय ने अल्जीरिया, लीबिया, मोरक्को और ट्यूनिशिया से प्रतिभागियों को जोड़कर बसों के ज़रिये ग़ज़ा पहुंचने की कोशिश की। हालांकि, मिस्र की सुरक्षा एजेंसियों ने इसे हिंसक तरीक़े से रोक दिया और सैकड़ों लोगों को हिरासत में ले लिया।
इसके बावजूद इन प्रयासों ने साबित किया कि अंतरराष्ट्रीय सिविल सोसाइटी ग़ज़ा के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयार है।
44 देशों से जुड़ रहे कार्यकर्ता
ट्यूनिस में इस महीने आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ग्लोबल सुमूद फ़्लोटिला के आयोजकों ने बताया कि 44 देशों के कार्यकर्ता इस पहल का हिस्सा बने हैं।
आयोजक हैफ़ा मंसूरी ने कहा:
“इस गर्मी में दुनिया भर के बंदरगाहों से दर्जनों छोटे-बड़े जहाज़ ग़ज़ा की ओर रवाना होंगे। यह इतिहास का सबसे बड़ा नागरिक फ़्लोटिला होगा।”
कब और कहाँ से शुरू होगी यात्रा?
- पहला काफ़िला स्पेनिश बंदरगाहों से 31 अगस्त 2025 को रवाना होगा।
- दूसरा काफ़िला ट्यूनिशियाई बंदरगाहों से 4 सितंबर 2025 को ग़ज़ा के लिए निकलेगा।
यह मानवीय बेड़ा ग़ज़ा के लिए राहत सामग्री के साथ-साथ वैश्विक एकजुटता और इंसानियत का संदेश लेकर रवाना होगा।