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जबलपुर से उठी अमन की अनोखी पहल! – ईद मिलादुन्नबी पर इमाम साहब ने पुलिसवालों को दिया ऐसा पैग़ाम, जो दिल छू लेगा

जबलपुर। ईद-मिलादुन्नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का मुबारक दिन हमेशा से मोहब्बत, रहमत और इंसानियत का पैग़ाम लेकर आता है। लेकिन इस बार जबलपुर से एक ऐसी अनोखी पहल हुई जिसने दिलों को छू लिया। सैफ मस्जिद के इमाम और दावत-ए-इस्लामी के रहनुमा हाफ़िज़ इमरान क़ादरी अत्तारी ने मुस्लिम इलाक़ों में सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे पुलिसकर्मियों को न केवल मिठाई बांटी, बल्कि उन्हें नबी-ए-करीम (सल्ल.) की सीरत और रहमत भरा पैग़ाम भी सुनाया।


“पुलिसवाले हमारी सुरक्षा में खड़े हैं”

हाफ़िज़ इमरान क़ादरी अत्तारी ने पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा:

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“आज आप सब इस तपिश और उमस में हमारी सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। आप सबसे पहले इंसान हैं, फिर पुलिसवाले। आप हमारे लिए खड़े हैं, हमारी हिफ़ाज़त कर रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम आपके दिलों तक मोहब्बत का पैग़ाम पहुँचाएँ।”

उन्होंने कहा कि समाज और पुलिस के बीच जो दूरियाँ नज़र आती हैं, वह न-इत्तेफ़ाक़ी और ग़लतफ़हमियों की वजह से हैं। इन्हें मिटाना मुसलमानों की भी जिम्मेदारी है और इससे बेहतर दिन और कोई नहीं हो सकता जितना जश्ने-मीलाद-ए-मुस्तफ़ा (सल्ल.) का दिन।


मोहब्बत से बदल सकते हैं हालात..

हाफ़िज़ साहब ने कहा:

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“अगर हम आज मोहब्बत की पहल करेंगे, तो हमारा अपना मेहबूब शहर और भी सुरक्षित, और भी ख़ुशहाल होगा। सीरत-ए-नबी हमें यही सिखाती है कि इंसानियत को सबसे ऊपर रखा जाए। नबी-ए-करीम (सल्ल.) रहमतुल-लिल-आलमीन बनकर आए — सारी कायनात के लिए रहमत। हमें उसी रहमत का पैग़ाम आप तक पहुँचाना है।”


पुलिसकर्मी भी हुए प्रभावित

मिठाई और मोहब्बत से भरे इस लम्हे ने पुलिसकर्मियों को भी भावुक कर दिया। कई जवानों ने कहा कि वे इस तरह की पहल पहली बार देख रहे हैं। एक पुलिसकर्मी ने मुस्कुराते हुए कहा कि “हम अक़्सर सोचते हैं कि लोग हमें सिर्फ कानून लागू करने वाले सख़्त चेहरे की तरह देखते हैं, लेकिन आज हमें इंसानियत और मोहब्बत से जोड़ा गया। यह एहसास कभी नहीं भूलेंगे।”


इलाके के लोगों का सकारात्मक संदेश

स्थानीय लोगों ने भी इस पहल की सराहना की। उनका कहना था कि पुलिस और जनता के बीच की दूरी को मिटाने के लिए ऐसे छोटे-छोटे कदम बहुत बड़े असर छोड़ते हैं। एक बुजुर्ग ने कहा:

“नबी-ए-करीम (सल्ल.) की सीरत यही सिखाती है कि नफ़रतों को मोहब्बत से मिटाओ। आज हाफ़िज़ साहब ने वही कर दिखाया।”


ईद-मिलादुन्नबी का यह वाक़या जबलपुर के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे मुल्क के लिए एक सबक है। मोहब्बत, अमन और भाईचारे का पैग़ाम सिर्फ मंचों से नहीं, बल्कि छोटे-छोटे अमल से भी फैलता है। पुलिसकर्मियों को मिठाई बांटने का यह क़दम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगा।

अमन की आशा की यह लौ जबलपुर से जली है, काश इसका उजाला पूरे हिंदुस्तान में फैले।

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