जबलपुर में “हज पर भेजूंगा” कहकर 26 लोगों से ठगे थे 79 लाख — जबलपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला, दो एजेंटो को को दो साल की जेल !
न्यायालय ने सुनाई 2-2 साल की कठोर सजा, अर्थदंड भी लगाया

जबलपुर | 10 अक्टूबर 2025 — हज यात्रा के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को जिला न्यायालय ने दो-दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार धुर्वे की अदालत ने दोनों दोषियों पर ₹1000-₹1000 का अर्थदंड भी लगाया है।
🕋 मामला क्या था?
अभियोजन पक्ष की सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती कांता मरावी के अनुसार, अधारताल निवासी शमीम अंसारी और मोहम्मद गफ्फार ने खुद को हज यात्रा एजेंट बताकर कई लोगों को वीजा और यात्रा की व्यवस्था कराने का झांसा दिया था।
उन्होंने सरदार हकीम बाबा, उनकी पत्नी शमीम बानों सहित 26 लोगों से लगभग ₹79 लाख 60 हजार रुपये वसूले थे।
दोनों आरोपियों ने लोगों से कहा था कि ₹2.90 लाख प्रति व्यक्ति का पैकेज लेकर वे वीजा, टिकट और हज यात्रा की पूरी व्यवस्था करेंगे।
पैसे लेने के बाद दोनों ने सभी के पासपोर्ट भी जमा करा लिए, लेकिन यात्रा की कोई व्यवस्था नहीं की।
✈️ वीज़ा का झांसा और हैदराबाद का ट्रैप
पीड़ितों के लगातार पूछने पर आरोपी टालमटोल करते रहे।
6 अगस्त 2018 को उन्होंने कुछ लोगों को हैदराबाद बुलवाया, यह कहकर कि वीजा वहीं मिलेगा।
लेकिन जब पीड़ित वहां पहुंचे, तो न तो वीजा मिला और न कोई कागज।
यहां तक कि आरोपी अरशद का ऑफिस भी बंद मिला।
8 अगस्त को पीड़ितों को कोरियर के ज़रिए अपने पासपोर्ट वापस मिल गए — तब जाकर ठगी का खुलासा हुआ।
🚔 पुलिस कार्रवाई और फैसला
पीड़ितों की शिकायत पर गोहलपुर थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 और 120-बी (भारतीय दंड संहिता) के तहत मामला दर्ज कर चालान पेश किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती कांता मरावी ने पैरवी की।
उनके तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने शमीम अंसारी और मोहम्मद गफ्फार को 2-2 वर्ष के कठोर कारावास और ₹1000-₹1000 के अर्थदंड से दंडित किया।
🦌 वन्य प्राणी शिकारियों को भी दो साल की सजा
बारकिंग डियर का शिकार करने पर न्यायालय का बड़ा फैसला
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती शुभांगी पालो दत्त की अदालत ने बारकिंग डियर का शिकार करने वाले दो आरोपियों को भी 2-2 साल के कठोर कारावास और ₹2000-₹2000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला:
12 फरवरी 2018 को मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की टीम ने कैलाश यादव और जगत गौड़ को खेत में बनी एक टपरिया से पकड़ा था, जहाँ बारकिंग डियर का पका और कच्चा मांस मिला था।
वन विभाग ने उनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 39/51 के तहत मामला दर्ज कर चालान पेश किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से अभय मिश्रा (सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी) ने पैरवी की।