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BBC ने बताया इसराइल की जेल में फलस्तीनियो के साथ क्या होता है

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलिस्तीनियों को बेड़ियाँ पहनाई गईं, आँखों पर पट्टी बाँधी गई, कपड़े उतार दिए गए

.. हकीकत से कितना ही इंकार करें लेकिन हकीकत इतनी खौफनाक है कि अमेरिका और ब्रिटेन को भी माननी पड़ती है। इजरायल द्वारा मासूम फ़लीस्तीनियों पर किए जा रहे हैं जुल्म की इंतहा इतनी हो चुकी है कि अब ब्रिटेन का सबसे बड़ा मीडिया हाउस बीबीसी भी स्वीकार कर रहा है। हालांकि मगरिब की मीडिया ने हकीकत का सिर्फ 5% ही स्वीकार किया है। सवाल यह है कि जब यह पांच प्रतिशत इतना खौफनाक है तो पूरे 100% की दास्तान कितनी दर्दनाक होगी।

बीबीसी की रिपोर्ट में माना गया है की फ़िलिस्तीनियों को बेड़ियाँ पहनाई गईं, आँखों पर पट्टी बाँधी गई, कपड़े उतार दिए गए ।

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यह पुष्टि की गई कि इज़रायली अस्पतालों में इलाज किए जा रहे घायल गाजा वासियों की आँखों पर पट्टी बाँधी गई थी और उन्हें बेड़ियों से बाँध कर रखा गया।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल में चिकित्साकर्मियों ने कहा कि गाजा में गिरफ्तार फिलिस्तीनियों को अस्पताल के बिस्तर पर बेड़ियां लगाई जाती है, आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है, कपड़े उतार दिए जाते हैं और डायपर पहनने के लिए मजबूर किया जाता है।

सूत्रों ने बीबीसी को बताया कि फिलिस्तीनी मरीजों का अस्पतालों में दर्द निवारक दवाओं (एनेस्थीसिया) के बिना सीधे ऑपरेशन किया जाता है, जिससे कैदियों को “असहनीय दर्द और पीड़ा” से गुजरना पड़ता है।

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सरकारी अस्पताल फिलिस्तीनी कैदियों को भर्ती करने और उनका इलाज करने से इनकार कर रहे हैं, जिसके कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भी अस्थायी सैन्य केंद्रों में रखा जा रहा है, जहां उनके लिए पर्याप्त इलाज की कमी है।

एक बंदी ने बीबीसी को बताया कि इज़रायली सेना ने उसे पूछताछ के लिए गाजा में गिरफ्तार किया है। खान यूनिस के 43 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर सुफियान अबू सलाह को एक सैन्य अड्डे पर ले जाया गया। इस बीच सिपाहियों ने उसे बेरहमी से प्रताड़ित किया। उनके पैर में मामूली घाव हो गया जिसका इलाज करने से सैनिकों ने इनकार कर दिया। घाव फिर से संक्रमित हो गया.

उन्होंने बीबीसी को बताया, “मेरे पैर में संक्रमण हो गया और वह नीला हो गया।” एक हफ्ते बाद गार्ड मुझे अस्पताल ले गए और रास्ते में मेरे घायल पैर पर भी पीटा गया। अस्पताल में डॉक्टर ने मेरा पैर काट दिया और मुझे सैन्य अड्डे पर वापस भेज दिया। जहां से बाद में मुझे गाजा वापस छोड़ दिया गया।

बीबीसी से बात करते हुए, इज़रायली सैन्य अस्पताल में काम करने वाले एक वरिष्ठ डॉक्टर ने यातना की बात स्वीकार करते हुए कैदियों पर बेड़ियों और अन्य प्रतिबंधों को “अमानवीय” बताया।

इज़राइल में मानवाधिकारों के लिए चिकित्सकों द्वारा फरवरी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इज़राइली सैन्य जेलें बदला लेने का एक जरिया बन गई हैं जहां कैदियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। यहां उनको गंभीर रूप से बीमार बनाया का रहा है।

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