बांग्लादेश में तख्ता पलटः प्रधानमंत्री भवन में घुसे छात्र, देश में फौजी शासन लागू, प्रधानमंत्री शेख हसीना लापता

भारत के पड़ोसी बांग्लादेश में बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां फौज ने तख्ता पलट कर, शासन अपने हाथ में ले लिया है। पूरे देश में पुलिस हटा ली गई है और सेना उतार दी गई है। पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया। वहीं अब देश की कमान सीधे फौज के हाथ में आ गई है। शेख हसीना के दूसरे देश में शरण लेने या फौजी निगरानी में गोपनीय स्थान पर भेजे जाने की खबर है।
बता दें कि बांग्लादेश में कोटा सिस्टम के खिलाफ महीने भर चले विरोध प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या 300तक पहुंच गई है. पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लागू है, रेलवे सेवाएं अनिश्चित काल के लिए निलंबित हैं और कपड़ा कारखाने भी बंद हैं। हालिया विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार ने दूसरी बार हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और व्हाट्सएप सेवाएं भी निलंबित कर दी गईं।

वहीं भारतीय मीडिया के अनुसार एक महीने तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधान मंत्री शेख हसीना वाजिद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री हसीना वाजिद को इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट की समय सीमा दिया था। दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग ने शेख हसीना के इस्तीफे की पुष्टि की। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हसीना वाजिद और उनकी बहन को आधिकारिक आवास से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर चल रही हिंसा की आग अब चारों ओर देखने को मिल रही है। ऐसे में खबर यह है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है और सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत रवाना हो चुकी हैं। अपुष्ट सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया है। अब देश की कमान सेना संभाल सकती है।

जानकारी अनुसार ढाका स्थित प्रधानमंत्री आवास में अनेक प्रदर्शनकारी दाखिल हो गए। इससे पहले राजधानी ढाका समेत देश में सेना तैनाती की घोषणा कर दी गई। वहीं सूत्रों ने जानकारी दी है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ढाका पैलेस छोड़ चुकी हैं और सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं। बांग्लादेश की सड़कों से पुलिस हटा दी गई है और सेना ने कमान संभाल लिया है।
इस बीच सत्तारूढ़ अवामी लीग और मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के शीर्ष नेतृत्व ने सेना हेडक्वार्टर में बैठक कर देश के हालात पर चर्चा की है।
एंटी डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने सोमवार को एक दिन के लॉन्ग मार्च का आह्वान किया, जिसे देखते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी और बख्तरबंद गाड़ियों को सड़कों पर गश्ती के लिए उतारा गया है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश आरक्षण रुपी हिंसा की आग से झुलस चुका है। बांग्लादेश में भड़की हिंसा में अब तक ३०० से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।