
जबलपुर। बरेला क्षेत्र के ग्राम बम्हनी में बिजली विभाग की लापरवाही ने एक महिला की जान ले ली। ट्रांसफार्मर की अर्थिंग तार में करंट आने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने कई दिनों से ट्रांसफार्मर के तार नीचे लटकने और खुले पड़े होने की शिकायत की थी, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। आखिरकार रविवार सुबह यह लापरवाही एक बड़ी त्रासदी में बदल गई।
⚡ हादसे से गांव में हड़कंप
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मृतिका की पहचान ग्राम बम्हनी निवासी एक महिला के रूप में हुई है, जो सुबह शौच के लिए बाहर गई थी। उसी दौरान वह ट्रांसफार्मर की अर्थिंग तार की चपेट में आ गई। महिला की मौके पर ही करंट लगने से मौत हो गई।
घटना की खबर मिलते ही गांव में गुस्से का माहौल बन गया। देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीण एकत्र हो गए और बम्हनी तिराहे पर चकाजाम कर दिया। लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
⚠️ सरपंच ने पहले ही दी थी चेतावनी
ग्राम बम्हनी की सरपंच वर्षा नीलकमल झारिया ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही उन्हें गांव के लोगों ने ट्रांसफार्मर के तार नीचे जमीन पर पड़े होने की शिकायत दी थी। इसके बाद उन्होंने स्वयं बिजली विभाग को पत्र लिखकर तार को व्यवस्थित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी।
हालांकि, आरोप है कि विभाग ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और लापरवाही के चलते महिला की जान चली गई।
⏱️ घंटों बाद मौके पर पहुंचे अधिकारी
ग्रामीणों का कहना है कि घटना की सूचना देने के बाद भी घंटों तक बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। इससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को संभाला।
बाद में एसडीएम, थाना प्रभारी और बिजली विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और मुआवजे का आश्वासन दिया।
💰 चार लाख मुआवजे की घोषणा के बाद खुला जाम
विद्युत विभाग की ओर से मृतक महिला के परिजनों को चार लाख रुपए मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया। आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त किया और यातायात बहाल हुआ।
💬 ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि —
- लापरवाह बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
- पूरे क्षेत्र में खराब तारों और ट्रांसफार्मरों की तकनीकी जांच कराई जाए।
- भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपाय लागू किए जाएं।
📰 निष्कर्ष
बम्हनी की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा? लगातार दी जा रही शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना और फिर ऐसी घटनाएं, विभागीय सिस्टम की गंभीर खामियों को उजागर करती हैं।
“यदि समय पर कार्रवाई की जाती, तो आज एक परिवार उजड़ने से बच जाता।” — ग्रामीणों का बयान
📍 रिपोर्ट: बाज मीडिया, जबलपुर



