ईरान ने तैनात किए लेजर साइलेंट हंटर : क्या यह इजराइली हमलों को विफल करेगा?
ईरान की नई रणनीति: लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन 'साइलेंट हंटर'
साइलेंट हंटर क्या है : ईरान ने इजराइल द्वारा संभावित हमलों का सामना करने के लिए अपनी रक्षा तैयारियों को और सशक्त किया है। हाल की रिपोर्टों से यह खुलासा हुआ है कि ईरान ने चीन से खरीदे गए अत्याधुनिक लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन यानी ‘साइलेंट हंटर’ को तैनात कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब इजराइल और ईरान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया मोड़ आया जब इजराइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं। इस घटनाक्रम के बाद इजराइल की ओर से पलटवार करने की संभावना बढ़ गई है। इसी आशंका के चलते ईरान ने अपने सभी रक्षात्मक हथियारों को अलर्ट मोड पर रख दिया है।
साइलेंट हंटर क्या है
ईरान और ड्रोन युद्ध: नया हथियार या नई चुनौती?
ईरान को इजराइल से विस्फोटक ड्रोन के संभावित हमले की चिंता है। इसी कारण उसने कई एंटी ड्रोन सिस्टम्स को भी तैनात किया है, जिनमें से एक प्रमुख हथियार ‘साइलेंट हंटर’ है। यह चीनी एंटी ड्रोन सिस्टम, दुश्मन के ड्रोन को चकमा देने और उसे ट्रैक कर गिराने की क्षमता रखता है।
ईरान ने क्यों चुना ‘साइलेंट हंटर’?
ईरान ने चीन से जो ‘साइलेंट हंटर’ खरीदा है, वह एक अत्याधुनिक लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन है। इसकी खासियत है कि यह 5 किलोमीटर दूर से ही ड्रोन को पहचान सकता है। इसके अलावा, यह 3 किलोमीटर की रेंज में ड्रोन को अंधा कर सकता है और डेढ़ किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है।
साइलेंट हंटर: तकनीकी विवरण और क्षमता
चीन के इस लेजर सिस्टम में 10 से 20 किलोवाट की पावर रेंज होती है। यह सिस्टम एक बार में 3 मिनट तक काम कर सकता है, इसके बाद इसे चार्ज होने में 5 मिनट लगते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ड्रोन को चकमा देना और इसे ट्रैक कर गिराना इस प्रणाली की सबसे बड़ी ताकत है।
तेहरान में साइलेंट हंटर की तैनाती: सुरक्षा का नया स्तर
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में दिखाया गया है कि ईरान ने राजधानी तेहरान में इन एंटी ड्रोन सिस्टम्स को तैनात कर दिया है। यह तैनाती उस समय की गई जब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई जनता के सामने जुमे की नमाज अदा करने और तकरीर करने आए थे।
खामेनेई का संदेश और ईरान की सुरक्षा नीति
खामेनेई ने अपनी तकरीर में इजराइल पर किए गए मिसाइल हमलों का समर्थन किया और भविष्य में भी ऐसे हमले जारी रखने की बात कही। उनका कहना था कि हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद, ईरान और उसके संबद्ध संगठन इजराइल पर दबाव बनाए रखेंगे।
क्या ‘साइलेंट हंटर’ इजराइल के हमलों को रोक पाएगा?
अब सवाल उठता है, क्या ईरान का यह नया हथियार इजराइल के उन्नत हमलों को विफल कर पाएगा? ‘साइलेंट हंटर’ की तकनीकी क्षमता इसे एक प्रभावी एंटी-ड्रोन सिस्टम बनाती है, लेकिन इजराइल की सैन्य ताकत और तकनीकी कौशल को देखते हुए, यह देखना बाकी है कि ईरान की यह नई रणनीति कितनी सफल होगी।
चीन के बनाए सिस्टम पर भरोसा: ईरान की मजबूरी या समझदारी?
ईरान ने इस लेजर सिस्टम को चीन से खरीदा है, जो पहले से ही सऊदी अरब और अन्य देशों को बेचा जा चुका है। ईरान ने अपने एंटी-ड्रोन सिस्टम के लिए चीन पर भरोसा किया है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह प्रणाली इजराइल के उन्नत हथियारों और ड्रोन हमलों का सामना कर सकती है।
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव: क्या होगा अगला कदम?
ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और दोनों देशों की नई-नई सैन्य रणनीतियां इसे और भी जटिल बना रही हैं। ईरान का ‘साइलेंट हंटर’ तैनात करना इस संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, लेकिन इसका अंतिम प्रभाव अभी भी अनिश्चित है।
निष्कर्ष: क्या ‘साइलेंट हंटर’ बनेगा गेमचेंजर?
ईरान ने अपने बचाव के लिए एक नई तकनीक को मैदान में उतारा है, लेकिन क्या यह इजराइल के हमलों को रोकने में सफल होगा, यह समय ही बताएगा। इजराइल की सैन्य शक्ति और रणनीतिक अनुभव को देखते हुए, ईरान की यह नई रणनीति कितनी कारगर साबित होगी, इस पर विशेषज्ञों की नजरें टिकी हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. ‘साइलेंट हंटर’ क्या है?
‘साइलेंट हंटर’ एक लेजर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन है, जिसे चीन ने बनाया है और ईरान ने हाल ही में इसे अपनी रक्षा में तैनात किया है। इसका मुख्य उद्देश्य ड्रोन को ट्रैक कर गिराना है।
2. क्या ‘साइलेंट हंटर’ इजराइली ड्रोन को रोक सकता है?
‘साइलेंट हंटर’ 5 किलोमीटर की दूरी से ड्रोन की पहचान करने और उसे निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है। हालांकि, इजराइल के ड्रोन कितने उन्नत हैं, यह देखना अभी बाकी है।
3. ईरान ने क्यों तैनात किया ‘साइलेंट हंटर’?
ईरान ने इजराइल के संभावित हमलों और ड्रोन खतरों से निपटने के लिए ‘साइलेंट हंटर’ तैनात किया है। इसके साथ ही अन्य एंटी ड्रोन सिस्टम्स भी लगाए गए हैं।