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गाँधी जी के पोते ने मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई, कहा सबको साथ आना होगा

मुसलमानों के खिलाफ नफरत: जमीयत उलेमा हिंद का कदम

नई दिल्ली – देशभर में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जो न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए खतरा है। इस नफरत को कम करने के लिए जमीयत उलेमा हिंद ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के निमंत्रण पर कल नई दिल्ली में एक बैठक का आयोजन हुआ। इसमें गांधी जी के परपोते तुषार अरुण गांधी समेत देश की कई सामाजिक और शैक्षणिक हस्तियों ने भाग लिया। बैठक में सांप्रदायिकता के खिलाफ एक संयुक्त मंच बनाने का निर्णय लिया गया।

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तुषार गांधी की चिंता
तुषार गांधी ने मुसलमानों की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथी समूह मुस्लिम मुद्दों का राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जिससे सरकार जनता का ध्यान असली समस्याओं से हटा रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुसलमानों को अलग-थलग करने की कोशिशें जारी रहीं, तो इससे देश में गंभीर संघर्ष हो सकता है। तुषार गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि हमें कानूनी और सामाजिक स्तर पर तात्कालिक कदम उठाने की जरूरत है।

मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि आज देश के भाइयों को मुसलमानों के खिलाफ भड़काया जा रहा है। उन्होंने बहुसंख्यक वर्ग के जिम्मेदार लोगों से इस नफरत का मुकाबला करने की अपील की।

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बैठक में अन्य वक्ताओं ने भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि हमें मिलकर काम करना होगा ताकि समाज में एकता स्थापित की जा सके। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की समस्याओं के समाधान के लिए संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं।

यह बैठक एक सकारात्मक कदम है, जिसमें विभिन्न हस्तियों ने सांप्रदायिकता के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का संकल्प लिया। अगर हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो हम नफरत की इस आग को बुझा सकते हैं और एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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