गाजा सीजफायर फेज वन : हमास ने रिहा किये 4 इजरायली कैदी, इजरायल ने किया किये 200 फलस्तीनी कैदी

शनिवार को हमास ने 4 इजरायली फौजियों को रिहा किया, जिसके 3 घंटे बाद इजरायली जेलों से करीब 200 फलस्तीनी बंधक रिहा किये गये. रिहा हुये फलस्तीनियों में अधिकांश वो हैं जिन्हें उम्र कैद की सजा हुई थी. रिहा हुये फलस्तीनियों में सबसे चर्चित नाम ऑपरेशन फ्रीडम टनल के नायक मोहम्मद अल-आरिदा और इयाद जारदात का था. इनके अलावा जेनिन के सबसे पुराने कैदी रईद अल-सादी को भी रिहा किया गया, जिन्होंने 36 साल इसराइली जेलों में बिताए थे।

रिहा हुए इन कैदियों को लेकर तीन बसें वेस्टबैंक के रामल्लाह शहर पहुंची, जहां उनका इस्तकबाल किया गया ।
वहीं, रिहा हुये 16 कैदी फलस्तीनी कैदी गाजा पहुंचे. इस मौके पर गाजा के लोग जोश-खरोश के साथ उनका इस्तकबाल किया और रेजिस्टेंस के समर्थन में नारे लगा रहे थे।
रिहा हुए कैदियों ने फिलिस्तीनी जेलों में कैद अन्य कैदियों के साथ हो रहे जुल्म की दास्तान सुनाई और कहा कि जो कुछ भी वहां हो रहा है, वह पूरी तरह से युद्ध अपराध है।
हमास ने छोड़े चार सैनिक

शनिवार को हमास ने चार इजरायली महिला सैनिकों को रिहा कर दिया और उन्हें गाजा शहर के फलस्तीन स्क्वायर में अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस (आईसीआरसी) के प्रतिनिधियों के हवाले कर दिया
हमास की सैन्य शाखा, इज़्ज़ अद-दीन अल-क़साम ब्रिगेड्स, ने इन चार इजरायली महिला सैनिकों को उनके सैन्य वस्त्रों में रेड क्रॉस के प्रतिनिधियों को सौंपा। इस दौरान, एक आधिकारिक हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें अल-क़साम और रेड क्रॉस दोनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
हस्तांतरण से पहले गाजा शहर के केंद्रीय क्षेत्र में इज़्ज़ अद-दीन अल-क़साम ब्रिगेड्स और अल-क़ुद्स ब्रिगेड्स के लड़ाके तैनात थे।
रिहा किए गए चार इजरायली सैनिकों के नाम लिरी अलबाग, करीना अरिएव, डैनियल गिल्बोआ और नामा लेवी थे। ये सभी सैनिक गाजा संघर्षविराम समझौते के तहत रिहा हुए, जो 19 जनवरी 2025 से प्रभावी हुआ है। इस समझौते के तहत, पहले दिन तीन इजरायली महिला सैनिकों को रिहा किया गया था, इसके बदले में 90 फिलिस्तीनी बंदियों को इसराइल की जेलों से रिहा किया गया था।