
दिल्ली विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है जहां अब दिन ढहलते ही रुझान नतीजो मे तब्दील होना शुरु हो चुके जिसके बाद कई सीटो पर हार व जीत का निर्णय हो चुका है। जिन सीटो के नतीजे आ चुके है उन्ही में से एक विधानसभा सीट है मुस्ताफाबाद जहां पर चुनावी नतीजे घोषित हो चुकें है जिसमें बीजेपी उम्मीदवार मोहन सिंह विष्ट ने जीत दर्ज कर सबकों चौका दिया।
दरअसल जिस मुस्ताफाबाद सीट से भाजपा ने जीत दर्ज की वहां पर करीब 40 फीसदी के आस पास मुस्लिम मतदाता है ऐसे में इस सीट पर भाजपा का जीतना मुश्किल माना जा रहा था पर चुनावी नतीजों मे भाजपा ने मुस्ताफाबाद की सीट जीत कर कमाल कर दिया।
हांलकि मोहन सिंह विष्ट को मिली जीत के पीछे की बड़ी वजह मुस्लिम वोटो का बिखराव माना जा रहा है क्योकी मुस्लिम बहुल विधानसभा होने की वजह से आम आदमी पार्टी व कॉग्रेस ने यहां से मुस्लिम उम्मीदवार का चयन किया था साथ ही यह मुकाबला तब और रोचक हो गया था जब एआईएमआईएम ने भी यहां से प्रत्याशी उतारने का ऐलान करते हुए दिल्ली दंगो के आरोप में जेल में बंद ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाया था।
ताहिर हुसैन का प्रत्याशी बनांए जाने के बाद यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा के मोहन विष्ट, आप के आदिल अहमद के बजाए त्रिकोणीय हो गया था। साथ काग्रेंस की ओर से अली मेंहदी के उम्मीदवार बनांए जाने से मुस्लिम वोटो के बटनें की संभावनांए और बढ़ गई थी । क्योकीं मुस्तफाबाद विधानसभा मुस्लिम बहुल है ऐसे मे इस नाते यह माना जा रहा था की मुस्लिम मतदाता ताहिर हुसैन के पक्ष मे मतदान कर सकतें है मगर नतीजो मे यह होते नजर नही आया बल्कि मुस्लिम वोटो का जमकर बिखराव देखने को मिला।
जहां भाजपा के मोहन विष्ट ने 85 हजार से अधिक वोट पाकर जीत दर्ज की वही आप उम्मीदवार आदिल अहमद को 67 हजार के अधिक तो मजलिस प्रत्याशी ताहिर हुसैन को लगभग 33 हजार वोट मिलें और वह तीसरे नंबर पर रहे जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी अली मेंहदी ने 11 हजार से अधिक वोट हासिल किए इन चुनावी नतीजो के आधार पर स्पष्ट देखा जा सकता है की मुस्लिम वोट तीनो ही मुस्लिम प्रत्याशियों मे बटां जिसके फलस्वरुप भाजपा के लिए यह जीत आसान हो गई। अगर यह वोट ताहिर हुसैन या आदिल अहमद मे से किसी एक को एकसाथ मिलता तो यकीनन भाजपा का जीतना मुश्किल था पर अपनी तय रणनीति के दम पर भाजपा मुस्तफाबाद विधानसभा सीट जीतने व 27 साल बाद दिल्ली मे सरकार बनाने मे कमायाब रही ।