गाजा में इजरायल की ‘प्यास की जंग’: 700 से ज्यादा लोगों की हत्या, ज्यादातर बच्चे

गाजा (कुद्स न्यूज़ नेटवर्क) – इजरायल पर गाजा पट्टी में “प्यास की जंग” छेड़ने का इल्ज़ाम लगा है। इस जंग में पानी लेने आए आम नागरिकों को निशाना बनाकर 112 नरसंहार किए गए, जिसमें 700 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं।
गाजा के सरकारी मीडिया दफ्तर ने सोमवार को इजरायल पर “इंसानियत के खिलाफ सबसे घिनौने जुर्म” करने का इल्ज़ाम लगाया, जिसमें उन्होंने “जानबूझकर और योजनाबद्ध तरीके से प्यास की जंग” छेड़ने की बात कही।
मीडिया दफ्तर ने कहा, “पानी को जंग का हथियार बनाया जा रहा है ताकि फिलिस्तीनी अवाम को सामूहिक सजा दी जाए और उनके सबसे बुनियादी इंसानी हक छीने जाएं।”
इजरायल के जुर्म के आंकड़े
सरकारी मीडिया दफ्तर की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इजरायली फौज ने निम्नलिखित जुर्म किए हैं:
- 112 पानी के ठिकानों पर हमले: सैकड़ों आम नागरिकों, खासकर बच्चों को, निशाना बनाकर नरसंहार किए गए, जो पीने के पानी के लिए कतारों में खड़े थे। हाल ही में अल-नुसीरात कैंप (मध्य गाजा) के उत्तर-पश्चिम में न्यू कैंप इलाके में हुए एक हमले में 12 लोग मारे गए, जिनमें 8 बच्चे थे।
- 720 पानी के कुओं का खात्मा: इजरायली फौज ने जानबूझकर 720 पानी के कुओं को तबाह कर दिया, जिससे 12.5 लाख से ज्यादा लोग साफ पानी से महरूम हो गए।
- 12 मिलियन लीटर ईंधन की सप्लाई पर रोक: पानी के कुओं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों और दूसरी ज़रूरी सेवाओं को चलाने के लिए जरूरी हर महीने 12 मिलियन लीटर ईंधन की सप्लाई को रोक दिया गया। इस पाबंदी ने पानी और सीवेज सिस्टम को लगभग पूरी तरह ठप कर दिया, जिससे बीमारियों और वबा का खतरा बढ़ गया, खासकर बच्चों में।
- मेकेरोट पानी की सप्लाई बंद: 23 जनवरी, 2025 से इजरायल ने गाजा के इलाकों को पानी देने वाले अहम स्रोतों में से एक, “मेकेरोट” पानी की सप्लाई को पूरी तरह बंद कर दिया, जिससे पानी का संकट और रोज़मर्रा की तकलीफें और बढ़ गईं।
- दैर अल-बलाह में डीसेलिनेशन प्लांट पर हमला: 9 मार्च, 2025 को इजरायल ने दैर अल-बलाह (मध्य गाजा) के दक्षिण में मौजूद केंद्रीय समुद्री पानी को साफ करने वाले प्लांट को बिजली देने वाली आखिरी बिजली लाइन को काट दिया, जिससे ढेर सारा पीने योग्य पानी बनना बंद हो गया और पानी का संकट और गहरा गया।
“जानबूझकर प्यास का जुर्म”
गाजा पट्टी अब इजरायली कब्जे की तरफ से किए जा रहे “बड़े पैमाने पर जानबूझकर प्यास के जुर्म” की गवाह है। मीडिया दफ्तर ने इस हालात को “दुनियावी चुप्पी और कई पश्चिमी और यूरोपीय मुल्कों की सीधी और गैर-सीधी मिलीभगत” के बीच होने वाला जुर्म करार दिया।
दुनिया से अपील
मीडिया दफ्तर ने दुनिया भर से फौरी कार्रवाई की मांग की है। दफ्तर ने “प्यास की जंग को तुरंत खत्म करने और आम नागरिकों के लिए पानी तक बिना रुकावट पहुंच सुनिश्चित करने” की गुहार लगाई है। साथ ही, इजरायली कब्जे पर दबाव डालने की मांग की गई है ताकि पानी के कुओं और सीवेज सिस्टम को चलाने के लिए ईंधन और जरूरी सामान की सप्लाई की इजाजत दी जाए।
गाजा में इंसानी संकट
गाजा में पानी की किल्लत और बुनियादी ढांचे की तबाही ने पहले से जंग की मार झेल रहे इलाके में इंसानी संकट को और गंभीर कर दिया है। साफ पानी की कमी की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, और बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। दुनिया की चुप्पी और बे-ऑपरी ने इस संकट को और गहरा कर दिया है।
गाजा के लोगों की तकलीफ को कम करने के लिए फौरन कदम उठाने की ज़रूरत है। यह न सिर्फ इंसानियत की मांग है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत एक ज़रूरी फर्ज भी है।