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इस्लामी दुनिया खामोश : ग़ज़ा में क़यामत का मंज़र: 17 हज़ार बच्चे मरने की कगार पर । ग़ज़ा के मासूम बच्चे तड़प-तड़प कर मर रहे हैं!

ग़ज़ा/Quds News Network: फिलिस्तीन के ग़ज़ा पट्टी में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मंजर सामने आया है। ग़ज़ा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने चेतावनी दी है कि शिशु दूध की भारी कमी के कारण 40,000 से ज़्यादा नवजात बच्चे धीमी मौत की ओर बढ़ रहे हैं

इज़राईल पिछले 150 दिनों से हर तरह की मानवीय सहायता और शिशु आहार को ग़ज़ा में घुसने से रोक रहा है

ग़ज़ा के मीडिया कार्यालय ने कहा,

“हम सभी क्रॉसिंग को तुरंत और बिना शर्त खोले जाने और शिशु आहार समेत हर तरह की मानवीय सहायता के प्रवेश की मांग करते हैं।”

WHO की चेतावनी: हर पाँचवा बच्चा कुपोषण का शिकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार ग़ज़ा सिटी सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र बन चुका है। यहां पांच साल से कम उम्र के हर पाँच में से एक बच्चा तीव्र कुपोषण से जूझ रहा है

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फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि अक्टूबर 2023 से अब तक 147 लोग, जिनमें 88 बच्चे शामिल हैं, भूख और कुपोषण से जान गंवा चुके हैं।

“यह एक ख़ामोश जनसंहार है”

ग़ज़ा की स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से चरमरा गई है। अल-शिफा अस्पताल के निदेशक ने कहा:

“हमारे पास न बिस्तर हैं, न दवाइयां। मरीजों में थकावट, स्मृति लोप और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। हमारे पास 17,000 बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित हैं। एक पूरी पीढ़ी को भूखा मारा जा रहा है।

ग़ज़ा सरकार के अनुसार 650,000 से अधिक पांच साल से कम उम्र के बच्चे आने वाले हफ्तों में गंभीर कुपोषण की कगार पर हैं। वहीं 1.25 मिलियन लोग ‘कैटेस्ट्रॉफिक हंगर कंडीशन’ में जी रहे हैं, जिसमें 10 लाख से अधिक बच्चे शामिल हैं

हर 80 मिनट में एक मौत, 900 से अधिक सहायता चाहने वालों की हत्या

Euro-Med Monitor के अनुसार, इज़राईल की ‘सिस्टेमेटिक स्टारवेशन पॉलिसी’ के तहत हर 80 मिनट में एक व्यक्ति भूख से मर रहा है। वहीं अमेरिकी समर्थित GHF (Global Humanitarian Foundation) द्वारा बनाए गए सहायता वितरण केंद्र ‘मौत के जाल’ में तब्दील हो गए हैं।

ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, GHF के शुरू होने के बाद से अब तक 900 से अधिक फिलिस्तीनियों की हत्या कर दी गई है, और 60,000 से अधिक घायल हुए हैं, जब वे सहायता लेने गए थे।

मानवाधिकार संगठनों की सख़्त चेतावनी

एमनेस्टी इंटरनेशनल, डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (MSF) और ऑक्सफैम समेत 100 से अधिक संगठनों ने इज़राईल पर ‘भूख को हथियार’ बनाने का आरोप लगाया है।

“GHF का मॉडल मानवीय सिद्धांतों के खिलाफ है। यह जबरन विस्थापन को बढ़ावा देता है और मदद पाने की चाहत रखने वालों के लिए मौत बन चुका है।”

MSF ने साफ कहा:

“भूख को युद्ध के हथियार की तरह इस्तेमाल करना मानवता के खिलाफ अपराध है।”

संयुक्त राष्ट्र की आलोचना: “सिस्टम असफल नहीं हुआ, बल्कि रोका गया है”

संयुक्त राष्ट्र ने पुष्टि की है कि ग़ज़ा में अब भी इज़राईल सहायता को रोक रहा है और जो थोड़ी बहुत मदद पहुंच रही है, वह नाकाफी है।

“Gaza में हर दिन 28 ट्रक ही पहुंच पा रहे हैं, जबकि 2.3 करोड़ की आबादी को हफ़्तों से मदद नहीं मिली।”

अब क्या ज़रूरी है?

मानवाधिकार संगठनों की एकजुट मांग है:

  • तुरंत और स्थायी युद्धविराम
  • सभी ज़मीनी क्रॉसिंग खोलना
  • UN के नेतृत्व में निष्पक्ष मानवीय वितरण
  • हथियारों की आपूर्ति पर रोक
  • ग़ज़ा के सभी हिस्सों तक पहुंच सुनिश्चित करना

👉 ग़ज़ा में जो हो रहा है, वह सिर्फ एक संघर्ष नहीं, एक मानव त्रासदी है। इस संकट के बारे में जागरूक रहें, अपने इलाकों में इससे जुड़ी चर्चा करें और सच्चाई को फैलाएं।

📣 बाज़ मीडिया इस जुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता रहेगा।


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