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ईरानी Intelligence की ऐतिहासिक जीत: इज़राइल की सुरक्षा दीवार ध्वस्त, वॉशिंगटन में हड़कंप!

तेहरान/यरुशलम/वॉशिंगटन, (BAZ NEWS NETWORK)।

ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने एक बार फिर अपनी ताक़त और क्षमता का शानदार प्रदर्शन करते हुए इज़राइल के परमाणु प्रतिष्ठानों की गुप्त तस्वीरें और अमेरिकी व यूरोपीय वैज्ञानिकों से संबंधित गोपनीय दस्तावेज़ जारी कर दुनिया को चौंका दिया है। इस अभियान को ईरान ने “ख़ुफ़िया युद्ध की ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया है, जबकि इज़राइल और उसके पश्चिमी सहयोगी अमेरिका गहरे सदमे में बताए जा रहे हैं।

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ईरान की अद्वितीय कामयाबी

ईरानी मीडिया का दावा है कि यह मिशन महीनों पहले शुरू हुआ था और इसमें इज़राइल के परमाणु व सुरक्षा संगठनों के अंदर काम करने वाले व्यक्तियों का सहयोग मिला। ख़ुफ़िया मंत्री इस्माइल ख़तीब ने गर्व से कहा कि “हमारी खुफ़िया क्षमता ने साबित कर दिया है कि दुश्मन चाहे कितना ही आधुनिक क्यों न हो, उसके गढ़ में घुसकर जानकारी हासिल करना हमारे लिए असंभव नहीं।”

लाखों दस्तावेज़ों का खज़ाना

ईरान को जो सामग्री हाथ लगी है, उसमें हथियार परियोजनाओं, पुराने परमाणु हथियारों के अपग्रेडेशन, अमेरिका और यूरोप के साथ संयुक्त कार्यक्रमों और संगठनात्मक ढांचे से जुड़ी “लाखों पृष्ठों” की जानकारियाँ शामिल हैं। इनमें उन वैज्ञानिकों और अधिकारियों के नाम भी दर्ज हैं जो वर्षों से गुप्त रूप से इस काम में जुड़े रहे।

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इज़राइल और अमेरिका में हड़कंप

इस खुलासे के बाद इज़राइल के सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि तेल अवीव और वॉशिंगटन में आपात बैठकें बुलाई गई हैं, और दोनों ही सरकारें यह समझने में लगी हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में गुप्त जानकारी आखिर कैसे बाहर निकल गई। अमेरिकी मीडिया इसे “अभूतपूर्व सुरक्षा विफलता” बता रहा है, जबकि इज़राइली विपक्ष ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर ज़िम्मेदारी डालते हुए इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है।

सहयोगियों का पर्दाफाश और सज़ा

ईरानी मंत्री के अनुसार, इज़राइल के भीतर मौजूद कई लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं और कुछ को मृत्युदंड दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि दुश्मन की सेना और सुरक्षा संस्थानों में ईरानी घुसपैठ की गहराई इज़राइल छिपाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन अब हकीकत पूरी दुनिया के सामने है।

क्षेत्रीय राजनीति पर गहरा असर

यह ख़ुलासा ऐसे समय हुआ है जब इज़राइल ईरान की परमाणु गतिविधियों को रोकने के लिए सैन्य विकल्प की बात कर रहा है। लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इस कामयाबी ने ईरान की स्थिति न केवल मध्य पूर्व बल्कि वैश्विक मंच पर और मजबूत कर दी है।

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