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Opinion: Baba Siddique ko kyon mara? कोई पागल ही मानेगा जेल में बैठा ‘गुंडा हिरन की मौत का बदला लेने इंसानों को मार रहा है’

Baba Siddique ko kyon mara: यह बात किसी को हजम नहीं हो रही कि ‘साबरमती जेल में बैठा गुंडा ‘सलमान खान से एक हिरन की मौत बदला लेने के मिशन पर है और हिरन का बदला लेने सलमान के दोस्तों को मार रहा है.’ वजह कुछ और है.. सच जो भी है, लेकिन सच खौफनाक है.

साफ सुथरी क्षवि के नेता, सबके दोस्त, हर धर्म का सम्मान करने वाले बाबा सिद्दीक की हत्या आखिर क्यों की गई. यह एक ऐसा सवाल है जिसका साफ जवाब नहीं है. लेकिन बाबा सिद्दीक हत्या ने मुस्लिम समाज को चौंका दिया है.

“यह भी कहा जाने लगा है कि यह असर रखने वाली  मुस्लिम कयादत को एक एक कर खत्म करने की साजिश का हिस्सा है. जिन्हें जेल नहीं भेजा जा सकता, उन्हें अपराधियों का इस्तेमाल करके मारा जा रहा है.

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गौरतलब है कि हिंदुस्तान के आर्थिक केंद्र मुंबई में 12 अक्टूबर 2023 को 66 वर्षीय नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई। यह हत्या उनके बेटे के ऑफिस के बाहर हुई। तीन बार विधायक रह चुके बाबा सिद्दीकी का हत्या मुस्लिम नेताओं और बुद्धिजीवियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर इसलिए क्योंकि यह हत्या किसी व्यवसायिक या राजनीतिक कारण से नहीं हुई….।

अतीक, मुख्तार, बाबा सिद्दीकी…

बाबा सिद्दीकी की हत्या का यह मामला एक ऐसे पैटर्न को दर्शाता है, जिसमें मुस्लिम नेताओं और व्यक्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले, 2023 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की हत्या कर दी गई थी। यह हत्या तब हुई जब वे न्यायालय के आदेश पर चिकित्सा परीक्षण के लिए जा रहे थे। अतीक अहमद का परिवार उत्तर प्रदेश में काफी राजनीतिक प्रभाव रखता था, और उनकी हत्या के बाद उनकी कई संपत्तियों को भी तोड़ दिया गया। इनके बाद मुख्तार अंसारी की मौत पर] परिजन जहर देकर हत्या करने का अरोप लगाते रहे हैं.

ये घटनाएँ इस बात का संकेत देती हैं कि जहां एक तरफ मुस्लिम समुदाय को डराने और उनके हौसले तोड़ने के लिए उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ उनकी आवाज उठाने में सक्षम मुस्लिम नेताओं को उनके राजनीतिक प्रभाव के कारण निशाना बनाया जा रहा है?

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Baba Siddique ko kyon mara

बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे एक बड़ा सवाल यह है कि क्या उन्हें उनकी राजनीतिक सफलता और मुस्लिम समुदाय में लोकप्रियता के कारण निशाना बनाया गया? इस बात का कोई ठोस सबूत तो नहीं है. लेकिन परिस्थितियों के संकेत दिखाते हैं कि जिन मुस्लिम नेताओं ने गैर-मुस्लिमों के बीच भी लोकप्रियता हासिल की हो, वे सरकारी एजेंडे के तहत खतरे में आ सकते हैं, खासकर बीजेपी की शासित राज्यों में।

हत्या की वजह: बिश्नोई गैंग का हाथ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा सिद्दीकी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य शामिल थे, जो इस समय अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद हैं। बिश्नोई गैंग ने बाबा सिद्दीकी की हत्या की वजह सलमान खान के समर्थन को बताया है। सलमान खान पर 1998 में राजस्थान के जोधपुर में काले हिरण के शिकार का आरोप था। बिश्नोई समुदाय जानवरों की हत्या के खिलाफ है और प्राकृतिक संरक्षण में विश्वास करता है। बाबा सिद्दीकी सलमान खान के समर्थक थे, और इसी वजह से उनका हत्या किया गया। पुलिस को संदेह है कि बिश्नोई गैंग के सदस्य इस हत्या में शामिल थे, लेकिन इसकी जांच अभी चल रही है।

हालांकी यह तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा कि जेल में बैठा एक गुंडा प्रकृति के प्रेम में इंसानों को मार रहा है.

बाबा सिद्दीकी का राजनीतिक करियर

बाबा सिद्दीकी पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे, लेकिन इस साल फरवरी में उन्होंने एनसीपी (अजीत पवार ग्रुप) में शामिल हो गए। उनके बेटे, जिशान सिद्दीकी ने भी अगस्त 2023 में अजीत पवार ग्रुप में शामिल होकर अपनी राजनीतिक जगह मजबूत की। इस समय अजीत पवार ग्रुप, शिवसेना (शिंदे धड़े) और बीजेपी की सरकार का हिस्सा है, और बाबा सिद्दीकी का इस ग्रुप से संबंध उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्ति बनाता है।

बाबा सिद्दीकी को बिश्नोई गैंग से धमकियाँ मिल रही थीं, जिसके कारण उन्हें राज्य सरकार ने सुरक्षा प्रदान की थी। फिर भी, सवाल उठता है कि उनकी सुरक्षा क्यों नहीं की गई?

न्याय की मांग: नागरिक समाज की भूमिका

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या आम भारतीय समाज इन घटनाओं का ध्यान रखेगा और मुस्लिम समुदाय के साथ हो रही अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगा? क्या सरकार इन अपराधों के पीछे के राजनीतिक उद्देश्यों को समझेगी और मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगी?

यह एक गंभीर समय है, जब मुस्लिम नेताओं और व्यक्तियों के लिए खतरे बढ़ चुके हैं। सवाल यह है कि क्या भारत में सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा और न्याय समान रूप से उपलब्ध है, या यह केवल कुछ लोगों तक सीमित है?

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