
नई दिल्ली – क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स पर जुलाई में हुए साइबर हमले की जांच अब भारत की उच्च सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही है। इस हमले के कारण वजीरएक्स को लगभग दो हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, और कई प्रभावित उपयोगकर्ता अब अपने रिफंड की मांग कर रहे हैं।
सरकारी एजेंसियों की जांच
रिपोर्टों के अनुसार, वित्तीय इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) के अधिकारियों ने वजीरएक्स की उच्च नेतृत्व टीम से मुलाकात की और क्रिप्टो टोकन की हैकिंग के बारे में जानकारी मांगी। सूत्रों का कहना है कि क्रिप्टो एक्सचेंज ने आवश्यक जानकारी प्रदान की है, और अब दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।
कानूनी सलाह और उपयोगकर्ताओं का नुकसान
कई कानूनी विशेषज्ञों ने इस साइबर अपराध की जांच करने का सुझाव दिया था। वजीरएक्स ने स्वीकार किया है कि उसके 43 फीसदी यूजर्स को इस हमले से नुकसान हुआ है, जिसमें से अधिकांश भारतीय हैं। हाल ही में एक यूट्यूब लाइव टाउन हॉल सत्र में वजीरएक्स प्रबंधन ने दावा किया था कि वे भविष्य में क्रिप्टो से हुए 100 फीसदी मुनाफे को यूजर्स के साथ साझा करेंगे। हालांकि, इस वीडियो को बाद में हटा दिया गया।
पुनर्गठन प्रक्रिया की जानकारी
वजीरएक्स के पुनर्गठन को संभालने वाले जॉर्ज ग्वी ने कहा कि पुनर्गठन प्रक्रिया के दौरान क्रिप्टो की कीमतों में वृद्धि के कारण हुए मुनाफे को 100 फीसदी साझा किया जाएगा। लेकिन, इसके बाद वजीरएक्स ने इस वीडियो को प्राइवेट कर दिया।