
… आज की रात हर मुसलमान यह अहद करे की वो अल्लाह और उसके रसूल ए पाक (सल्ल) के बताए रास्ते पर जिंदगी गुजारेगा. बुजुर्गाने दीन के दिखाए रास्ते पर चलेगा. हलाल रिज्क के लिये जद्दोजहद करेगा और हराम से हर हाल में खुद को बचाएगा. समाज में फैली बुराईयों से खुद को बचाते हुये उन बुराईयों को खत्म करने की कोशिश करें. इल्म हासिल करेगा और मोहब्बत को आम करेगा.
यह बात मशहूर आलिमे दीन, काजी ए शरआ जबलपुर हजरत मुफ्ती इत्मियाजुल कादरी कासमी साहब ने जबलपुर के पुरानापुल साऊथ मिलौनीगंज स्थित दारुल उलूम गौसिया रज़वीया कासमीया के जलसा ए दस्तारबंदी (दीक्षांत समारोह) की अध्यक्षता करते हुये फरमाई.

…. आपने कहा हमारी दुनिया और आखरत की कामयाबी का वाहिद रास्ता यही है कि हम अपने आमाल सुधारें, हम अपने इख्लाक सुधारें, बुजुर्गानें दीन – औलिया ए किराम की मोहब्बत दिल में पैदा करें. अल्लाह के रसूल सल्ल के हुक्म के मुताबिक जिंदगी गुजारें. अगर हमने ऐसा किया तो हम दुनिया में भी कामयाब होंगे और आखरत में भी हमें कामयाबी मिलेगी. अगर हमने ऐसा नहीं किया तो हम दुनिया में जलीम और नाकाम होंगे और आखरत में भी जिल्लत और नाकामी हमारे हिस्से आएगी.

यह कार्यक्रम यूनानी दवाखाना ग्राउंड साऊथ मिलौनीगंज गोहलपुर में मुनक्किद किया गया। कार्यक्रम की सरपरस्ती आलमी शोहरत याफ्ता आलिमे दीन और नवास-ए-मुफ्ती-ए-आजम हिंद व जानशीने खालिदे मिल्लत हजरत अल्लामा मौलाना मोहम्मद अनस रजा खान साहब ने की ।
मौलवी – हाफिज की सनद से नवाजे गये तालिबे इल्म..
जलसे में दारुल उलूम गौसिया रज़वीया कासमिया में तालीम मुकम्मल करने वाले तालिबे इल्मों को मौलवी और हाफिज की डिग्री से नवाजा गया। जिनमें मौलाना मोहम्मद समीर क़ासमी, मौलाना अब्दुल मज़ीद क़ासमी, मौलाना मो. नुरुल एन क़ासमी, मौलाना मो. सफीक क़ासमी, मौलाना अब्दुल मुहीत क़ासमी साहब को मौलवी की सनद अता की गई. वहीं मोहम्मद रोशन रज़ा और मोहम्मद तौकीर रज़ा साहब को हाफिज की डिग्री से नवाजा गया.

मुल्कभर से आए उलेमाए किराम…
खानकाह के मीडिया प्रभारी सुल्तानुज़्ज़मा क़ादरी कासमी ने बताया के जलसे में हज़रत अल्लामा मुफ़्ती सगीर अहमद बरकाती साहब प्रिंसपल दारुल उलूम मज़हरे इस्लाम बरेली शरीफ और हजरत मौलाना गुलाम अहमद रज़ा तहसीनी साहब प्रिंसपल दारुल उलूम गौसिया रज़वीया कासमिया, मुफ़्ती अलताफ हुसैन क़ासमी साहब, मुफ़्ती हिफजुर्रहमान क़ासमी साहब, मुफ़्ती शाहिदुल कादरी कासमी, मुफ़्ती तबरेज़ आलम कासमी साहब ने तकरीक फरमाई. और अवाम को दीन के मुताबिक जिंदगी गुजारने और समाज की तामीर ए नौ के लिये अपनी जिम्मेदारी अदा करने की तलकीन फरमाई.
इस अवसर पर हज़रत हाफ़िज़ो क़ारी अब्दुल रऊफ साहब मुदर्रिस दारुल उलूम गौसिया रज़वीया क़ासिमिया, हज़रत मौलाना जमालुर्रहमान साहब, हज़रत हाफ़िज़ फैज़ान रज़ा साहब, अल्हाज़ मौलवी इसरार हुसैन जिलानी साहब मंच पर मौजद रहे.
जलसे के आखिर में हजरत मुफ़्ती इम्तियाज़ुल क़ादरी कासमी की दुआ के साथ जलसे का इखतिताम हुआ.