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मध्य प्रदेश आर्थिक गणना : अब हर कारोबार और रोजगार की होगी गिनती! सरकार ला रही है डिजिटल आर्थिक गणना – जानिए क्या होगा असर

मध्य प्रदेश आर्थिक गणना : देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए आठवीं आर्थिक गणना 2025-26 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस गणना का उद्देश्य प्रदेश के जमीनी स्तर से आर्थिक डेटा जुटाकर उसे नीति निर्माण और सामाजिक उत्थान के लिए उपयोग करना है। इससे न केवल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सकेगा, बल्कि योजनाओं को भी जरूरत के अनुसार बेहतर रूप से क्रियान्वित किया जा सकेगा।

2 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में एमपी का बड़ा योगदान

मोहन सरकार की योजना है कि भारत की 2 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश की भूमिका निर्णायक हो। इसके लिए जरूरी है कि राज्य के हर कोने से सटीक आर्थिक जानकारी एकत्र की जाए, ताकि योजनाओं की नींव वास्तविक ज़रूरतों पर आधारित हो।

राज्य सरकार ने गठित की उच्चस्तरीय समिति

आर्थिक गणना के बेहतर संचालन और सफल क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है। यह समिति न केवल प्रशासनिक और तकनीकी तैयारियों की समीक्षा करेगी, बल्कि आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान भी सुनिश्चित करेगी।

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर डिजिटल आर्थिक गणना

मध्य प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर डिजिटल आर्थिक गणना करने जा रही है। इसके लिए एक विशेष वेब-बेस्ड मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया जा रहा है, जिससे आंकड़े सीधे फील्ड से अपलोड किए जा सकेंगे। यह तकनीकी कदम गणना को तेज, पारदर्शी और अधिक सटीक बनाने में मदद करेगा।

राज्य सरकार इसके लिए एक मल्टी लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम भी तैयार कर रही है, जिससे डेटा संग्रहण और निगरानी की प्रक्रिया लगातार नियंत्रण में बनी रहे।

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मॉनिटरिंग के लिए स्टेट लेवल कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित

सरकार ने स्टेट लेवल कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन भी कर दिया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव या उनके द्वारा नामित अधिकारी करेंगे। इस कमेटी में शामिल विभाग:

  • एमएसएमई (लघु व मध्यम उद्यम)
  • श्रम विभाग
  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास
  • नगरीय विकास एवं आवास
  • राजस्व विभाग
  • महिला एवं बाल विकास
  • स्कूल शिक्षा
  • योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग
  • राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के प्रतिनिधि

कमेटी की निगरानी में राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है, जो पूरे अभियान का समन्वय करेगा।

क्या होगा इस गणना में?

आर्थिक गणना के तहत प्रदेश के हर जिले और गांव में विशेष टीमों को भेजा जाएगा जो विभिन्न व्यावसायिक, व्यापारिक, सेवा क्षेत्र और रोजगार से जुड़े लोगों से जानकारी एकत्र करेंगी। इसके साथ ही व्यापारिक संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों से भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

जमीनी रिपोर्ट के आधार पर नीतियां होंगी मजबूत

गणना के बाद जिला स्तर पर प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एक समेकित रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसका उपयोग राज्य सरकार अपने योजनात्मक कार्यों में करेगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी योजनाएं वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करें और ज़मीनी स्तर तक उनका प्रभाव पहुंचे।

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