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ट्रंप का दावा ‘गाजा में जंगबंदी’ जल्द : क्या बदलेगी जंग की सूरत-ए-हाल ?

गाजा, 27 जून 2025अमरीकी सदर डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में इजराइल और हमास के दरमियान एक हफ्ते के अंदर सुलह (Ceasefire) की उम्मीद जताई है। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब गाजा में इजराइली फौज की कार्रवाइयों में बेगुनाहों की मौतों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है और इजराइल पर जंगी जुल्मों के इल्जामात लग रहे हैं।

ट्रंप ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि सुलह करीब है। मैंने कुछ उन लोगों से बात की है जो इस कोशिश में शामिल हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि “हम अगले हफ्ते तक सुलह हासिल कर लेंगे,” लेकिन यह नहीं बताया कि उनकी बात किन लोगों से हुई है।

गाजा की मौजूदा हालत
गाजा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। 27 जून को इजराइली फौज ने बुरेज रिफ्यूजी कैंप में अल-सूस परिवार के घर पर हमला किया, जिससे धुआं और तबाही का मंजर देखने को मिला। गाजा की सेहत मंत्रालय के मुताबिक, मई के आखिर से अब तक अमरीका और इजराइल की हिमायत वाले राहत वितरण केंद्रों के पास करीब 550 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर वो लोग थे जो भूखमरी से जूझते हुए खाने की तलाश में थे।

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संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी-जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “लोग सिर्फ अपने और अपने परिवारों के लिए खाना ढूंढ रहे हैं, लेकिन यह तलाश उनकी मौत का सबब बन रही है। खाने की तलाश कभी सजा-ए-मौत नहीं होनी चाहिए।” मेडिकल चैरिटी ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (एमएसएफ) ने गाजा की हालत को “इंसानी मदद के नाम पर कत्लेआम” करार दिया।

सुलह की राह में रुकावटें
ट्रंप का यह बयान गाजा की भूखी और बमबारी से त्रस्त आबादी के लिए “खुशखबरी” हो सकता है, लेकिन अभी कहीं भी सुलह के लिए कोई बातचीत नहीं हो रही। उन्होंने कहा, “इजराइल जंग खत्म करने की बात नहीं करना चाहता। इजराइली वजीर-ए-आजम बेंजामिन नेतन्याहू के लिए यह बड़ा सियासी जोखिम होगा।”

दूसरी तरफ, हमास की शर्त है कि इजराइल गाजा पर जंग बंद करे और मार्च में टूटे सुलहनामे के बाद कब्जाए गए इलाकों से अपनी फौज हटाए। हमास चाहता है कि अमरीका इस बात की गारंटी दे कि बातचीत जारी रहेगी और इजराइल दोबारा सुलह तोड़ने की कोशिश नहीं करेगा।

इजराइल पर जंगी जुल्मों के इल्जामात
हाल ही में इजराइली अखबार ‘हारेत्ज’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इजराइली कमांडरों ने भूखे फिलिस्तीनियों को, जो इंसानी मदद की तलाश में थे, जानबूझकर निशाना बनाने का हुक्म दिया। गाजा के हुक्मरानों ने इस रिपोर्ट को इजराइल के “जंगी जुल्मों” का एक और सबूत करार दिया। हालांकि, नेतन्याहू और इजराइली वजीर-ए-दिफा इसराइल काट्ज ने इन इल्जामात को खारिज किया है।

ट्रंप की सियासत और सुलह की कोशिशें
ट्रंप की सुलह की भविष्यवाणी ऐसे वक्त में आई है जब हाल ही में इजराइल और ईरान के बीच 12 दिन की जंग के बाद सुलह हुई। कई खबरों के मुताबिक, नेतन्याहू को अरब मुल्कों के साथ रिश्ते सामान्य करने के लिए सुलह पर राजी होना पड़ सकता है, जिसे ट्रंप की हुकूमत बढ़ावा दे रही है।

ट्रंप के खास दूत स्टीव विटकॉफ ने जनवरी में पूर्व सदर जो बाइडन की टीम के साथ मिलकर गाजा में सुलह और बंधकों की रिहाई का समझौता करवाया था। लेकिन मार्च में इजराइल ने गाजा पर अचानक बमबारी शुरू कर दी, जिससे यह समझौता टूट गया। इजराइली हुक्मरानों ने कहा कि बंधकों की रिहाई के लिए सिर्फ फौजी कार्रवाई ही कारगर है। इसके बाद इजराइल ने गाजा में खाना, पानी, दवाइयां और ईंधन की सप्लाई पर पाबंदी लगा दी, जिससे 21 लाख की आबादी में भूखमरी फैल गई।

आने वाले दिन
इजराइली वजीर रॉन डर्मर अगले हफ्ते वाशिंगटन में ट्रंप हुकूमत के अफसरों से गाजा, ईरान और नेतन्याहू के मुमकिन व्हाइट हाउस दौरे पर बात करेंगे। लेकिन ट्रंप के दावे के बावजूद, सुलह की राह में कई रुकावटें हैं। हमास बंधकों को रिहा करने को तैयार है, बशर्ते जंग पूरी तरह खत्म हो, जबकि इजराइल हमास को निहत्था और खत्म करने की शर्त रखता है।

गाजा की जंग 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई थी, जब हमास की अगुआई में हुए हमले में इजराइल में 1200 लोग मारे गए और 251 को बंधक बनाया गया। इजराइली तखमीनों के मुताबिक, करीब 50 बंधक अभी भी कैद में हैं। दूसरी तरफ, गाजा के सेहत मंत्रालय का कहना है कि इस जंग में अब तक 56,300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर औरतें और बच्चे हैं।

हमारी राय
ट्रंप का यह बयान उम्मीद तो जगाता है, लेकिन बिना ठोस बातचीत और दोनों तरफ से रजामंदी के, सुलह का ख्वाब हकीकत में बदलना मुश्किल है। गाजा की अवाम, जो भूख, बमबारी और बर्बादी का सामना कर रही है, को अब सिर्फ दुआओं और वादों से नहीं, बल्कि अमली कदमों से राहत चाहिए।

लेखक: बज़्म मीडिया संवाददाता

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