
श्रद्धा जब आस्था से जुड़ती है, तो वह केवल एक परंपरा नहीं रहती — वह एक जीवंत अनुभूति बन जाती है, जो आत्मा को शांति, समाज को एकता और जीवन को दिशा देती है। ऐसी ही एक अनुभूति का नाम है — संस्कार कांवड़ यात्रा, जो केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि नर्मदा के प्रति समर्पण, पर्यावरण के प्रति का प्रतीक बन चुकी है।
हर साल सावन के पावन महीने में हजारों श्रद्धालु कंधे पर कांवड़ उठाए, नर्मदा का पवित्र जल लेकर, तप-त्याग, नियम और भक्ति के साथ निकल पड़ते हैं कैलाशधाम की ओर… यह यात्रा न सिर्फ पैरों से तय की जाती है, बल्कि हर कदम के साथ जुड़ी होती है आस्था की वो शक्ति, जो हर कठिनाई को भक्ति में बदल देती है। इस साल 21 जुलाई का संस्कार कावड़ यात्रा निकलेगी. जिसकी तैयारियों में आयोजन समिति, शहरवासी और जिला प्रशासन जुट गये हैं.

श्रावण मास के दूसरे सोमवार, 21 जुलाई को होने वाली संस्कार कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन, पुलिस और आयोजन समिति के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक आज पुलिस कंट्रोल रूम में सम्पन्न हुई। इस बैठक में यात्रा की रूपरेखा, सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई, यातायात नियंत्रण और स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक की अध्यक्षता महापौर एवं आयोजन समिति के संरक्षक श्री जगत बहादुर सिंह ‘अन्नू’ ने की। बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, अपर कलेक्टर मिशा सिंह, सीईओ जिला पंचायत अभिषेक गहलोत, एएसपी आनंद कलादगी, सूर्यकांत शर्मा सहित आयोजन समिति के पदाधिकारी शिव यादव, नीलेश रावल और अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

🔶 बैठक की प्रमुख बातें:
📌 यात्रा मार्ग और भीड़ का अनुमान
- यात्रा ग्वारीघाट के सिद्धघाट से शुरू होकर कैलाशधाम मटामर तक जाएगी।
- करीब 35 किलोमीटर की इस पदयात्रा में हजारों कांवड़ियों के भाग लेने का अनुमान है।
- मटामर पहाड़ी पर श्रद्धालुओं की संख्या दो से ढाई गुना तक हो सकती है।
📌 प्रमुख मार्ग
ग्वारीघाट → रामपुर चौक → गोरखपुर → शास्त्री ब्रिज → तीन पत्ती चौक → मालवीय चौक → लार्डगंज → बड़ा फुहारा → कमानिया गेट → सराफा → लकड़गंज → बेलबाग → घमापुर → शीतलामाई → कांचघर → सतपुला → गोकलपुर → रांझी → खमरिया स्टेट → मटामर कैलाशधाम।
🔶 प्रशासनिक और पुलिस तैयारी:
✅ सुरक्षा इंतजाम
- ग्वारीघाट पर मोटरबोट और गोताखोर, होमगार्ड और एमडीआरएफ टीम तैनात की जाएगी।
- पूरे यात्रा मार्ग और समापन स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल रहेगा।
- यात्रा मार्ग और मटामर पर स्वागत मंच और दुकानें सड़क के किनारे ही लगेंगी, इसके लिए मार्किंग के निर्देश दिए गए हैं।
✅ यातायात और ध्वनि व्यवस्था
- कलेक्टर ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों का संयमित उपयोग करने को कहा।
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर्याप्त संख्या में लगाने के निर्देश ताकि जरूरी सूचनाएं समय पर मिल सकें।
✅ साफ-सफाई और स्वास्थ्य सुविधा
- यात्रा के साथ-साथ नगर निगम की सफाई टीमें और वाहन मौजूद रहेंगे।
- ग्वारीघाट और मटामर पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात रहेंगी।
- यात्रा के साथ एम्बुलेंस भी चलेंगी।
🔶 विशेष तैयारी: कैलाशधाम मटामर पर
- पहाड़ी की ढलान को देखते हुए सुरक्षा के लिए बेरिकेटिंग की जाएगी।
- श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रवेश और निकास मार्ग अलग-अलग बनाए जाएंगे।
- पानी के टैंकर, छाया व्यवस्था, और पौधारोपण की योजना भी तैयार की गई है।
🔶 आयोजन समिति की भूमिका
- समिति द्वारा स्वयंसेवकों की तैनाती की जा रही है, जिन्हें पुलिस द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
- महापौर अन्नू ने बताया कि यह यात्रा पर्यावरण और मां नर्मदा के संरक्षण की भावना से निकाली जाती है और यह जबलपुर की पहचान बन चुकी है।
- उन्होंने नगर निगम की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
संस्कार कांवड़ यात्रा का समापन
यात्रा का समापन कैलाशधाम मटामर पहाड़ी पर भगवान नर्मदेश्वर भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ होगा। इसके उपरांत श्रद्धालु पौधारोपण अभियान में भी भाग लेंगे।