
जबलपुर। सुब्बा शाह दरगाह मैदान में बीती रात एक यादगार और रूहानी जलसे का आयोजन किया गया। हज़रत बदरुद्दीन अल मारूफ ‘गुड्डू बाबा’ की सरपरस्ती और सैय्यद कादिर अली कादरी की सदारत में आयोजित इस कार्यक्रम का नाम “ज़िक्र-ए-शहीदान-ए-कर्बला” रखा गया।

इस मुशायरे में शहर के वरिष्ठ और नामचीन शायरों ने अपने अशआर और कलाम पेश कर ऐसा माहौल बना दिया कि पूरा इलाक़ा कर्बला के शहीदों की याद और मोहब्बत से सराबोर हो गया।
शहर के नामचीन शायरों की शिरकत

मुशायरे में कई नामी-गिरामी शायरों ने शिरकत की और कर्बला के शहीदों को अपने अल्फ़ाज़ से याद किया। इनमें प्रमुख रहे –
- अल्हाज शेख निजामी
- इलयास महशर
- दानिश जैगमी
- शकील दिलकश
- खलील हमजा
- साबिर आदिल
- हाफिज असद करबलाई
- परवेज परवाज़
- इजहार रहमानी
- सलीम वारसी
- गुलाम हुसैन सुबहानी
- कमर जानी
- हाफिज हामिद राजा
हर शायर ने अपनी प्रस्तुति में कर्बला की शहादत और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के जज़्बे को अपने अल्फ़ाज़ में बयां किया।
शायरों को मिली भरपूर दाद
मुशायरे में मौजूद अकीदतमंदों और शायरी के चाहने वालों ने हर कलाम पर ज़ोरदार दाद दी। माहौल रूहानी होने के साथ-साथ अदबी और पुरसुकून रहा।
जलसे का संचालन और समापन
कार्यक्रम की निज़ामत का जिम्मा मुख़्तार नादिर ने निभाया और उन्होंने बड़े अदबी अंदाज़ में शायरों को मंच पर बुलाकर मुशायरे को सजाया।
कार्यक्रम के समापन पर सूफ़ी नईम शाह ने सभी शायर हज़रात का इस्तकबाल किया और उनका शुक्रिया अदा किया।