
जबलपुर। महाकौशल की सांस्कृतिक नगरी जबलपुर को जल्द ही यातायात जाम से राहत मिलने वाली है। मदनमहल से दमोहनाका तक बने मध्य प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर का लोकार्पण शनिवार, 23 अगस्त को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के करकमलों से होगा।
लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूरे फ्लाईओवर का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, नीरज सिंह, संतोष बरकड़े, भाजपा जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, ग्रामीण जिला अध्यक्ष राजकुमार पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष आशा गोंटिया, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, पूर्व मंत्री शरद जैन, अंचल सोनकर सहित कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, निगम आयुक्त प्रीति यादव, चीफ इंजीनियर आर.एल. वर्मा, अधीक्षण यंत्री दिनेश कौरव, कार्यपालन यंत्री शिवेंद्र सिंह और परियोजना निदेशक एनएचआई अमृतलाल साहू मौजूद रहे।
2004 में किया था वादा, 2025 में पूरा हुआ सपना
निरीक्षण के दौरान राकेश सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि इस फ्लाईओवर का सपना उन्होंने 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते समय जनता से किया था। 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने और नितिन गडकरी के सड़क परिवहन मंत्री बनने के बाद इस परियोजना को मंजूरी मिली। इसके निर्माण के दौरान कई बाधाएं आईं, लेकिन आज यह ऐतिहासिक फ्लाईओवर बनकर तैयार है।
7 किमी लंबा, 1100 करोड़ की लागत
करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर की लंबाई 7 किलोमीटर है। यह न केवल प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर है, बल्कि इसमें शामिल ढांचे इसे देश में भी अनूठा बनाते हैं।
- देश का सबसे लंबा सिंगल-स्पान केबल-स्टे ब्रिज (192 मीटर) रेल लाइन के ऊपर बनाया गया है।
- फ्लाईओवर में तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज बनाए गए हैं – दो रानीताल में और एक बलदेवबाग में। ये पूरी तरह स्टील से निर्मित हैं और प्रत्येक की लंबाई करीब 70 मीटर है।

पर्यावरण और खेल सुविधाओं का भी ध्यान
फ्लाईओवर के नीचे न सिर्फ 50 हजार पौधे लगाए गए हैं, बल्कि आम लोगों के लिए बास्केटबॉल कोर्ट, ओपन जिम और बच्चों के पार्क भी बनाए गए हैं। साथ ही, 10 स्थानों पर दिशा सूचक बोर्ड लगाए गए हैं ताकि यात्रियों को मार्गदर्शन मिल सके।
45 मिनट का सफर अब सिर्फ 6–8 मिनट में
अब तक मदनमहल से दमोहनाका की दूरी तय करने में वाहनों को 40 से 45 मिनट लगते थे। फ्लाईओवर शुरू होने के बाद यह दूरी सिर्फ 6 से 8 मिनट में पूरी होगी। राकेश सिंह के अनुसार यह परियोजना जबलपुर को महानगरीय स्वरूप देने में मील का पत्थर साबित होगी।
📌 विशेष आकर्षण :
- 7 किमी लंबा, 1100 करोड़ की लागत से बना फ्लाईओवर
- 192 मीटर का देश का सबसे लंबा सिंगल-स्पान केबल स्टे ब्रिज
- 3 स्टील बो-स्ट्रिंग ब्रिज
- फ्लाईओवर के नीचे हरियाली, जिम, पार्क और खेल सुविधाएं