
जबलपुर। भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए लोकायुक्त पुलिस जबलपुर की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। सोमवार को सिविल लाइन्स स्थित असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं, जबलपुर संभाग कार्यालय में पदस्थ महिला लिपिक को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
समाजसेवी संस्था से मांगी थी रिश्वत
लोकायुक्त एसपी अंजू लता पटले ने बताया कि कटनी जिले की स्लीमनाबाद तहसील के ग्राम कौड़िया निवासी शिवप्रसाद कुशवाहा ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने परमलोक धाम आश्रम सेवा समिति का पंजीयन कराने आवेदन दिया था। पंजीयन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के एवज में कार्यालय में कार्यरत सहायक ग्रेड-2 लिपिक प्रीति ठाकुर द्वारा ₹5,000 की रिश्वत मांगी गई।
शिकायत से कार्रवाई तक
शिकायत प्राप्त होने के बाद लोकायुक्त टीम ने मामले का सत्यापन किया और रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर ट्रैप की योजना बनाई। तय योजना के अनुसार, सोमवार को जैसे ही शिकायतकर्ता ने महिला लिपिक को रिश्वत की राशि सौंपी, लोकायुक्त पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी महिला लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B), 13(2) के अंतर्गत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
ट्रैप दल की मौजूदगी
इस कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक नीतू त्रिपाठी, निरीक्षक रेखा प्रजापति, निरीक्षक बी.एस. नरवरिया सहित लोकायुक्त टीम के अन्य सदस्य शामिल रहे।
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से सरकारी दफ्तरों में सक्रिय भ्रष्टाचार तंत्र को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।