जबलपुर: नेत्रहीन बच्चों के छात्रावास में गंभीर हादसा टला

जबलपुर। अंधमूक, बाईपास के पास स्थित नेत्रहीन बच्चों के छात्रावास में मंगलवार की सुबह हॉस्टल के सेंकेड फ्लोर में स्थित कक्ष क्रमांक 24 की छत का एक बड़ा हिस्सा नीचे बच्चों के पलंग पर गिरा। इस हादसे में बच्चें बाल बाल बचे, लेकिन कुछ ही देर पहले बच्चें हॉस्टल छोड़कर बाहर निकल आए थे। इस घटना के बाद नेत्रहीन बच्चों में दहशत पैâल गई। हॉस्टल प्रबंधन घटना को दबाने के प्रयास में लगा रहा।
बताया गया है कि इस हॉस्टल में 100 से अधिक छात्र रहते हैं। छात्रों का कहना है कि वे सालों से इस जगह में रहने के लिए मजबूर है। नेत्रहीन स्कूल की कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के 45 तक और नवमी से लेकर बारहवीं तक के 55 छात्र तीन मंजिला छात्रावास में रहते हैं। कई बार प्रबंधन को जर्जर भवन को लेकर अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुध नहीं ली गई। मंगलवार की सुबह जब यह घटना हुई तो छात्रावास के जिम्मेदार अधिकारी हॉस्टल के कमरे के तरफ दौड़े। दूसरे फ्लोर में बने 24 नंबर कमरे में छत का एक बड़ा हिस्सा पलंग पर गिरा जिसमें छात्र सोते थे।
यह तो संयोग था कि कुछ ही मिनिट पहले छात्र कमरे से बाहर निकले थे अन्यथा बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था। छात्रों में आक्रोश है कि बारिश में बिल्डिंग से पानी का रसाव होने लगता हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई कई शिकायतों के बाद तक नही की गई। पिछले साल दिसंबर में अपर कलेक्टर ने बिल्डिंग का दौरा किया तो जिसकी जर्जर हालत देखकर बच्चों को नए भवन में शिफ्ट करने की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। इधर एसडीएम गोरखपुर पंकज मिश्रा का कहना है कि गंभीर घटना है इसकी जांच कराई जाएगी।