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उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर….1991 के बाद रानी दुर्गावती विश्वविघालय मे हुई 70 भर्तिया की निरस्त…

उच्च शिक्षा विभाग से जारी एक आदेश के बाद रानी दुर्गावती विश्वविघालय मे हड़कंप सा मच गया। दरअसल इस पत्र के माध्यम से विभाग ने 1991 के बाद रानी दुर्गावती विश्वविघालय मे हुई 70 पदो की नियुक्तियो को अवैध बताते हुए उन्हे निरस्त करने का आदेश दे दिया। 90 के दशक मे हुई नियुक्तियो को निरस्त करने के आदेश के बाद विश्वविघालय प्रशासन भी दंग रह गया।

 शासन के बिना अनुमोदन के हुई थी भर्तियां…

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प्राप्त जानकारी के अनुसार1996 मे कार्यपरिषद ने रानी दुर्गावती विश्वविघालय मे 70 पद सृजन करते हुए उस पर नियुक्तिया की थी। चौकाने वाली बात ये है की उस समय ये नियुक्तिया सरकार की अनुमति की बिना की गई थी। यही वजह है की राजभवन की सख्ती के बाद अब इस मामले मे कार्यवाही करते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने सभी 70 पदो पर हुई भर्तियो को निरस्त कर दिया गया है।

कुलगुरु बोले आदेश का पालन होगा

भर्तियो को निरस्त करने के सबंध मे उच्च शिक्षा विभाग से जारी आदेश होने पर विश्वविघालय के कुलगुरु प्रो. राजेश वर्मा का कहना है की जो आदेश आया है उसका पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

इन पदो पर हुई थी भर्तियां…इतना पैसा हुआ खर्च…..

बताते चले की निरस्त किए गए पदो मे…. अनुभाग अधिकारी के 7, अधीक्षक के 12 , ओएसडी के 4, सहायक ग्रेड 1 के 12, सहायक ग्रेड 2 के 12, तथा दफतरी के 15 व चपरासी के 4 पद शामिल है। वही अगर अभी तक इन पदो पर कर्मियो के वेतन, पेंशन समेत अन्य भुगतानो को जोड़ा जाए तो लगभग 250 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च निकल कर सामने आता है।  

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