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कठमुल्ले देश के लिए घातक… अपने बयान पर कायम जस्टिस शेखर, चीफ जस्टिस को भेजा लिखित जवाब….

बीते दिनो इलाहबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के व्दारा दिए गए बयान पर काफी विवाद मचा था जब उन्हे ने कार्यक्रम के दौराल मुसलमानो को लेकर विवादस्पद बयान दिया था जिसपर जमकर हंगामा भी हुआ था और इसको लेकर कई बड़े नेताओे समेत काफी लोगों ने आपर्ति भी जताई गई थी। विवादास्पद बयान के बाद इस मामले पर जस्टिस यादव को सीजेआई की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम के सामने हाजिर भी होना पड़ा था! जहां इस पूरे मामले पर उन्हे अपना जवाब प्रस्तुत करना था। वही मामले पर लगभग महीने भर बाद अब जस्टिस यादव ने अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया है।

जस्टिस शेखर यादव के बयान पर मचे विवाद के बाद उन्हे सीजेआई व्दारा तलब भी किया गया था तब से ही माना जा रहा था की शायद अब उनके तेवर कुछ नरम पड़ेंगे मगर जस्टिस शेखर ने अपने जवाब मे स्पष्ट कर दिया की वह अपने बयान पर कायम है। सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार जस्टिस शेखर यादव ने अपने व्दारा प्रस्तुत लिखित जवाब में लिखा है की……वह अपने व्दारा दिए गए बयान पर अभी भी कायम है उन्होने आगे लिखा है की उनकी बात किसी भी प्रकार से न्यायिक आचरण के सिध्दांत का उल्लघंन नही करती है उनके भाषण को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

बतातें चलें की बीते दिसंबर के माह मे इलाहबाद हाईकोर्ट मे विश्व हिंन्दू परिषद व्दारा आयोजित एक कार्यक्रम मे बोलते हुए जस्टिस शेखर ने मुसलमानो को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था जिस में उन्होने कहा था मुझे यह कहने मे कोई दिक्कत नही है की यह देश बहुसंख्यको के अनुसार चलेगा साथ ही अपने भाषण मे उन्होने कहा था की कठमुल्ले देश के लिए घातक है जिसके बाद मानो बवाल सा मच गया था।

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जस्टिस शेखर के इस बयान के बाद राजनीति भी अपने चरम पर थी मुस्लिम नेतांओ समेत तमाम विपक्षी पार्टियो ने भी बयान पर आपत्ति जताते हुए मोर्चा खोल दिया था जहां जस्टिस शेखर के बयान के बाद वरिष्ट अधिवक्ता कपिल सिब्बल व विवेक तन्खा को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की बाते करते भी सुना गया था वही जस्टिस शेखर के बयान पर विवाद बढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे फटकार भी लगाई थी जिस पर चीफ जस्टिस ने भी उन्हे हिदायत भरे अंदाज मे समझाईस दी थी। पर अब जब अपने बयान मे जवाब देते हुए उन्होने स्पष्ट कर दिया है की वह अपने बयान पर कायम है तो देखना होगा की इस पर अब चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम का अगला कदम क्या होगा।

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